Sunday, December 3, 2017

पहली बार वैज्ञानिक तौर पर साबित: बोलकर पढ़ने से ज्यादा बातें याद रह जाती हैं; मेमोरी और फोकस बढ़ता है 77% तक

साभार: भास्कर समाचार
बोलकर पढ़ने से बातें ज्यादा देर तक याद रह जाती हैं। ये बात पहली बार वैज्ञानिक तौर पर साबित हो गई है। कनाडा की यूनिवर्सिटी ऑफ वाटरलू के शोधकर्ताओं ने 100 छात्रों की किसी बात को याद रखने की
क्षमता पर शोध किया। नतीजा निकला कि- जब वो बोलकर पढ़ते हैं, तो उन्हें वो बात याद रह जाने की संभावना 77% तक बढ़ जाती है। इस तरह से छात्रों का फोकस भी बढ़ता है। शोध में शामिल प्रोफेसर नोह फारिन और कोलिन मैकलोड कहते हैं कि- 'ये तो हम अपनी स्कूल लाइफ से सुनते आते हैं कि हमें बोल-बोलकर पढ़ना चाहिए। इससे मेमोरी अच्छी होती है। लेकिन कभी किसी ने इसके पीछे का कारण नहीं बताया। इसीलिए हमने वैज्ञानिक तौर पर इस तथ्य को साबित करने की सोची।' 
शोधकर्ताओं ने 100 छात्रों को इस शोध के लिए चुना। उनको लैब में बुलाया गया और 160 शब्दों का एक पूल उनके सामने रखा गया। बच्चों से कहा गया कि वो पहले 40 शब्द शांति से अपने मन में पढ़ें। अगले 40 शब्द अपनी आवाज में रिकॉर्ड करें और फिर उन्हें सुनें। इसके बाद अगले 40 शब्द किसी और की आवाज में रिकॉर्ड कराकर बच्चों को सुनाए गए और आखिरी 40 शब्द बच्चों ने जोर-जोर से बोलकर पढ़े। बच्चों को ये नहीं बताया गया कि उन्हें ये शब्द क्यों पढ़वाए जा रहे हैं। टेस्ट पूरा हुआ और उन्हें वापस भेज दिया गया। दो हफ्ते बाद बच्चों को फिर बुलाया गया और उन शब्दों को सुनाने के लिए कहा गया। अब शोधकर्ताओं ने देखा कि बच्चों ने जो शब्द बोल-बोलकर पढ़े थे, उनमें से 77% शब्द उन्हें याद थे। जिन शब्दों की उन्होंने रिकॉर्डिंग सुनी थी, उनमें से भी उन्हें 74% शब्द याद रह गए, लेकिन जो शब्द बच्चों ने मन ही मन में पढ़े थे, उनमें से उन्हें 60% शब्द ही याद रहे। नोह और कोलिन कहते हैं कि- 'इस शोध का मकसद स्टूडेंट्स से ही जुड़ा था। नतीजा आने के बाद हमने यूनिवर्सिटी के छात्रों को भी ये सलाह दी कि वो अपने कोर्स का रिवीजन बोल-बोलकर करें।' 

रिकॉर्ड करके सुनने पर भी 74% तक बातें याद रह जाती हैं: बोलकर पढ़ी गई बातों के याद रह जाने की प्रक्रिया को शोधकर्ता "द प्रोडक्शन इफेक्ट' का नाम देते हैं। प्रोडक्शन इफेक्ट के जन्म लेने के पीछे तीन फैक्टर काम करते हैं। पहला- बोलकर पढ़ने से हमारा दिमाग, कान और जुबान एक साथ और एक ही काम के लिए एक्टिव हो जाते हैं। इससे बातें याद रह जाने की संभावना बढ़ती है। दूसरा कारण है बोलकर पढ़ने से व्यक्ति उस कंटेंट को खुद से बेहतर तरीके से जोड़ पाता है। मन ही मन में पढ़ने से कंटेंट की रिलेटिविटी कम होती है। तीसरा और सबसे अहम कारण ये रहा कि बोलकर पढ़ने से उस कंटेंट को व्यक्ति विजुलाइज कर पाता है। किसी भी बात को विजुलाइज करने से वो दिमाग में बस जाती है।