साभार: जागरण समाचार
हरियाणा में आठवीं कक्षा में बोर्ड शुरू होने का इंतजार अभी एक साल और करना होगा। केंद्र व प्रदेश सरकार द्वारा शिक्षा सुधार को लेकर उठाए जा रहे कदमों में यह महत्वपूर्ण फैसला है। लेकिन अब हरियाणा में आठवीं
कक्षा में बोर्ड मार्च 2019 में ही लागू हो पाएगा। बता दें कि शिक्षा अधिकार लागू होने के बाद से आठवीं कक्षा का बोर्ड हटा दिया गया था। आठवीं कक्षा तक फेल करने की परिपाटी भी बंद कर दी गई थी। फेल की जगह री-अपीयर शब्द के इस्तेमाल की परिपाटी को बढ़ावा दिया गया था। तत्कालीन कांग्रेस सरकार का मानना था कि परीक्षा के तनाव की वजह से छात्र आत्महत्या जैसे खतरनाक कदम उठा लेते हैं। छात्रों को बस्तों के बोझ व तनाव से मुक्त करने के उद्देश्य से शिक्षा अधिकार में यह व्यवस्था की गई थी कि आठवीं कक्षा तक के छात्रों को फेल ही नहीं किया जाए। लेकिन इससे सुधार की बजाए विपरीत परिणाम आने लगे। नतीजा यह हुआ कि दसवीं कक्षा तक छात्र पहुंच तो जाते थे पर दसवीं में बोर्ड की परीक्षा का पहली बार सामना करते तो बड़ी संख्या में फेल हो जाते। भाजपा सरकार ने आते ही इस व्यवस्था में तुरंत बदलाव की घोषणा कर दी और पांचवीं व आठवीं कक्षा में बोर्ड लागू करने की कवायद शुरू कर दी गई है। पिछले तीन साल के दौरान सरकार ने बोर्ड लागू करने की तैयारी तो की पर आरटीई के नियम आड़े आ गए। जब तक केंद्र सरकार आरटीई के प्रावधानों में बदलाव नहीं करेगी, तब तक बोर्ड को लागू नहीं किया जा सकता है। यहीं वजह रही कि हरियाणा में सत्र 2017-18 भी बीत गया और बोर्ड लागू नहीं किया जा सका। अब संभावना जताई जा रही है कि मार्च 2019 में आठवीं कक्षा की परीक्षाएं बोर्ड द्वारा संचालित की जा सकेंगी। इस बारे में शिक्षा बोर्ड के चेयरमैन डॉ. जगबीर सिंह ने पुष्टि की कि इस बार आठवीं कक्षा में बोर्ड परीक्षाएं नहीं लेने जा रहा है।