साभार: जागरण समाचार
ढोंगी बाबा वीरेंद्र देव दीक्षित के उप्र के फरुखाबाद स्थित कंपिल आश्रम में तानाशाही व्यवस्था चल रही है। पारदर्शिता की कमी है और आश्रम में मौजूद लोगों को भौतिक व वैज्ञानिक शिक्षा से दूर रखा जा रहा है। यह बात
महिला आशा ज्योति हेल्पलाइन व बाल विकास कल्याण की टीम ने निरीक्षण के बाद कही। उनके मुताबिक, आश्रम में रह रही 28 महिलाओं को पारिवारिक जीवन जीने के लिए समझाया पर उन्होंने आध्यात्मिक ज्ञान के लिए स्वेच्छा से वहां रहने की बात कही।
दिल्ली के आश्रम में लड़कियों के यौन उत्पीड़न के मामले में बाबा वीरेंद्र देव दीक्षित के फरार होने के बाद से उनके आश्रम फिर चर्चा में हैं। कंपिल आश्रम की जांच के बाद सोमवार को महिला आशा ज्योति हेल्पलाइन की काउंसलर हिमांशी गंगवार, रेखा शर्मा, ज्योति शर्मा व बाल कल्याण समिति के न्यास अध्यक्ष डॉ. संजीव गंगवार जांच के लिए आश्रम पहुंचे। टीम ने करीब एक घंटे तक आश्रम में मौजूद महिलाओं से बातचीत कर उन्हें पारिवारिक जीवन जीने के लिए समझाया लेकिन महिलाओं ने कहा वे यहां आध्यात्मिक ज्ञान के लिए अपनी स्वेच्छा से रह रही हैं। बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष ने बताया कि अंदर की व्यवस्था तानाशाही जैसी है। आश्रम में छोटे बच्चे व नाबालिग तो नहीं मिले, लेकिन जो हैं उन्हें बेहद कड़े माहौल में रखा जाता है। खुद उनकी टीम को आश्रम में जाने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। अंदर जाते समय प्रवेश द्वार पर कुछ समय के लिए रोका गया।