Sunday, December 24, 2017

नौकरियों में जातिगत आंकड़ों से मलिक संतुष्ट, कहा- डेटा गलत नहीं, हमें BCB का कोटा बढ़ाकर आरक्षण दें: अन्य जाट नेताओं ने जताया विरोध

साभार: भास्कर समाचार
अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष यशपाल मलिक ने सरकार की ओर सरकारी नौरियों में जारी किए गए जातिगत आंकड़ों का समर्थन किया है। उन्होंने कहा है कि सरकार के आंकड़ों में कोई
फर्जीवाड़ा नहीं है। पिछड़े वर्ग की 12% अाबादी के पास क्लास वन और टू की 33% नौकरी है। हरियाणा की आबादी में यादव 5% हैं, लेकिन क्लास वन और टू की नौकरी उनके हिस्से 8 फीसदी है। मलिक ने कहा कि बीसी बी की कैटेगरी में उसकी आबादी से ज्यादा नौकरी में हिस्सेदारी है। इसी में हमें शामिल कर लिया जाए और इसी का कोटा बढ़ा दिया जाए, जितना बढ़ाना है। संविधान के तहत सरकारी लोगों की पहचान हो चुकी है। हमने सारे कागज तैयार कर लिए गए हैं। 29 दिसंबर को पिछड़ा वर्ग आयोग में आंकड़े जमा करवा जाएंगे। जसिया में शनिवार को समिति अध्यक्ष यशपाल मलिक के नेतृत्व में पूर्व प्रधानमंत्री चौ. चरण सिंह का 116वां जन्मदिवस मनाया गया। मलिक ने कहा कि 28 दिसंबर को कुरुक्षेत्र धर्मशाला में बैठक कर 29 को पिछड़ा वर्ग आयोग में आंकड़े जमा किए जाएंगे। 19 मार्च 2017 को हुए समझौते लागू करने की मांग करेंगे। मलिक ने कहा कि आयोग को बताया जाएगा कि आरक्षण के लिए दो कैटेगरी बनाने की जरूरत नहीं है। 
अखिल भारतीय जाट अारक्षण संघर्ष समिति के प्रदेश अध्यक्ष कमाडेंट हवासिंह सांगवान ने सरकार द्वारा सरकारी नौकरियों के आंकड़ों को गलत बताया तथा कहा कि यशपाल मलिक को आंकड़ों की सही जानकारी नहीं है। उन्होंने बताया कि इस समय प्रदेश में जाटाें की संख्या 31 प्रतिशत है तथा उनके पास 28 प्रतिशत नौकरियां है। उन्होंने कहा कि सरकार को चाहिए बीसी बी में जितनी भी जातियां उनका सभी का नौकरियों के अनुसार आंकड़े देने चाहिए। उसके बाद ही स्थिती सही होगी। 
सूबे सिंह समैण ने कहा है कि जातियों का जो डाटा पेश किया गया है। वह गलत है। केवल नौकरियों के आधार पर डाटा सही नहीं कहा जा सकता। जातियों का डाटा सामाजिक और आर्थिक अन्य पहलुओं को देखना पड़ता है। यशपाल मलिक आरक्षण को लेकर कतई गंभीर नहीं है। वह केवल पैसे एकत्र करने में जुट हुआ है। बिरादरी के डेटा को सही बात कह कर साबित कर दिया है कि उसे जाट बिरादरी से कोई लेना देना नहीं है। केवल गुमराह कर रहा है। 

जाट समाज काे गुमराह कर रहे मलिक - बैनीवाल: हरियाणा सरकार ने सरकारी नौकरियों में जो जातिगत आंकड़ा जारी किया है, वह 2011 की जनगणना के आधार पर है। यह पूरी तरह गलत आंकड़ा है। देश में आज तक कहीं किसी राज्य में जाति के आधार पर नौकरियों के आंकड़े नहीं जारी किए गए हैं। यह समाज को बांटने का काम है। मलिक जाट समुदाय को गुमराह कर अपनी राजनीतिक रोटियां सेंक रहे हैं। वह युवाओें के साथ धोखा कर रहे हैं। भरतसिंह बैनीवाल, संयोजक, अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति अध्यक्ष मंडल, हरियाणा 
समिति के महासचिव अशोक बल्हारा ने कहा कि 13 सितम्बर 2010 से लेकर 22 फरवरी 2017 तक 21 नौजवानों ने इस आंदोलन में शहादत दी और 29 जनवरी से 20 मार्च 2017 तक चले आंदोलन के दौरान भी धरनों पर 8 लोगों को अपनी कुर्बानी देनी पड़ी। बल्हारा ने कहा कि बलिदान दिवस का आयोजन उन्हीं स्थानों पर किया जाएगा, जहं जून 2016 में या जनवरी 2017 से मार्च 2017 तक धरनों का आयोजन किया था। 
मलिक ने कहा कि 18 फरवरी को जाट बाहुल्य जिलों में बलिदान दिवस पर रैली की जाएगी। वहीं आगामी आंदोलन की रूपरेखा तय की जाएगी। इसी दौरान आंदोलन की रणनीति घोषित की जाएगी। शनिवार को बैठक की अध्यक्षता हुड्डा खाप के प्रधान ओमप्रकाश हुड्डा नेे की। बलिदान दिवस पर 36 बिरादरी के लोगों को आमंत्रित किया जाएगा, हरियाणा में भाईचारा तोड़ने वालों की साजिश बेनकाब होगी।