साभार: भास्कर समाचार
उत्तर कोरिया ने संयुक्त राष्ट्र के नए प्रतिबंधों को मानने से इनकार किया है और इसे युद्ध के लिए उकसाने वाला बताया है। उत्तर कोरिया के विदेश मंत्रालय ने रविवार को जारी एक बयान में कहा, 'हम ताजा प्रतिबंधों को
पूरी तरह खारिज करते हैं, क्योंकि यह हमारे देश की संप्रभुता के खिलाफ हैं। यह युद्ध को उकसाने वाला है। इससे कोरियाई प्रायद्वीप में शांति और स्थिरता पर असर पड़ेगा।' उत्तर कोरिया की सरकारी न्यूज एजेंसी केसीएनए के मुताबिक, विदेश मंत्रालय ने अपने परमाणु और मिसाइल कार्यक्रम से पीछे हटने से इनकार करते हुए कहा है, 'यदि अमेरिका सुरक्षित रहना चाहता है, तो उसे अपनी शत्रुतापूर्ण नीतियों को बंद करना चाहिए। परमाणु हथियारों से लैस उत्तर कोरिया के साथ सहअस्तित्व सीखना चाहिए।' बैलिस्टिक मिसाइल ह्वासोंग-15 का 19 नवंबर को परीक्षण करने के बाद संयुक्त राष्ट्र ने उत्तर कोरिया पर नए प्रतिबंध लगा दिए हैं। उत्तर कोरिया ने संयुक्त राष्ट्र के ताजा प्रतिबंधों को युद्ध के लिए उकसावा बताते हुए कहा कि ये हमारे गणराज्य की संप्रभुता का हिंसक उल्लंघन और युद्ध छेड़ने जैसी हरकत है, जो कोरियाई प्रायद्वीप और एक व्यापक क्षेत्र की शांति और स्थिरता को तबाह करता है। अमरीका हमारे देश की परमाणु शक्ति को पूरा करने की महान और ऐतिहासिक उपलब्धि से बुरी तरह डरा हुआ है। वो ज्यादा से ज्यादा परेशान हो रहा है और हम पर दवाब बनाने के लिए हम पर अब तक से सबसे सख्त प्रतिबंध लगाने की दिशा में बढ़ रहा है। हम अपनी आत्म-रक्षात्मक परमाणु ताकत को और भी मजबूत करेंगे ताकि हम अमरीका से परमाणु हमले, ब्लैकमेल और शत्रुतापूर्ण हरकतों के खतरे को पूरी तरह खत्म कर सकें और अमरीका के साथ एक व्यावहारिक संतुलन बना सकें।
प्रतिबंध संकट को सुलझाने वाला हो - चीन: चीन ने कहा है कि उत्तर कोरिया पर कोई भी प्रतिबंध कोरियाई द्वीप में संकट को सुलझाने के लिए होना चाहिए। चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने कहा, चीन कोरियाई द्वीप में परमाणु निरस्त्रीकरण किए जाने के अपने पहले के रुख पर कायम है। चीन इस क्षेत्र में शांति और स्थिरता के लिए काम कर रहा है।