Friday, December 29, 2017

भारत ने इंटरसेप्टर मिसाइल का सफलतापूर्वक किया परीक्षण; खोजी मिसाइल ने 'पृथ्वी II' को बनाया निशाना

साभार: भास्कर समाचार
सुपरपावर बनने की दिशा में एक और कदम बढ़ाते हुए रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने स्वदेशी तकनीक से विकसित एडवांस एरिया डिफेंस (आड) खोजी मिसाइल का गुरुवार को ओडिशा तट पर
स्थित अब्दुल कलाम द्वीप से सफलतापूर्वक परीक्षण किया। खोजी मिसाइलों का परीक्षण कम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलों को रोकने और नष्ट करने के लिए किया जाता है। इन मिसाइलों का इस्तेमाल कम ऊंचाई में किसी भी आने वाली बैलिस्टिक मिसाइल को नष्ट करने में किया जा सकता है। बैलिस्टिक मिसाइलों के विरुद्ध मुख्य हथियार के तौर पर किया जाना है। सूत्रों ने बताया कि लक्ष्य मिसाइल नाम से जाने जानी वाली पृथ्वी मिसाइल को चांदीपुर के नजदीक समन्वित परीक्षण श्रेणी (आईटीआर) के लाॅन्चिंग कॉम्प्लेक्स 3 से लॉन्च किया गया। खोजी मिसाइल की लंबाई 7.5 मीटर है और यह सिंगल स्टेज रॉकेट गाइडेड है। 
मिसाइल से मिसाइल को नष्ट करने वाला चौथा देश बना भारत: गुरुवार को बालासोर के अब्दुल कलाम द्वीप से इंटरसेप्टर मिसाइल के किए गए इस सफल परीक्षण के साथ ही भारत विश्व का चौथा ऐसा देश बन गया है जो मिसाइल से मिसाइल को नष्ट कर सकता है। गौरतलब है कि मिसाइल से मिसाइल को नष्ट करने की क्षमता इसके पहले अमेरिका, रूस एवं इजरायल के पास ही थी और अब भारत भी इसमें शुमार हो गया है। यह इस साल किया गया तीसरा सुपरसोनिक इंटरसेप्टर परीक्षण था, जिसमें पृथ्वी के वायुमंडल के 30 किमी ऊंचाई के भीतर इंटरसेप्टर के द्वारा बैलिस्टिक मिसाइल का लक्ष्य सफलतापूर्वक रोक दिया गया। इससे पहले एक मार्च और 11 फरवरी, 2017 को दो परीक्षण हुए थे, जो पूर्ण बहु-परत बैलिस्टिक मिसाइल रक्षा प्रणाली के प्रयासों के तहत किए गए थे। 
7.5 मीटर लंबी मिसाइल में लगे हैं उच्च तकनीक कंप्यूटर और इलेक्ट्रो-मेकेनिकल उत्प्रेरक: डीआरडीओ सूत्रों ने इस परीक्षण को शानदार उपलब्धि करार दिया। नेविगेशन प्रणाली के सुसज्जित इस मिसाइल में उच्च तकनीक कंप्यूटर और इलेक्ट्रो-मेकेनिकल उत्प्रेरक हैं। इंटरसेप्टर एक 7.5 मीटर लंबी एकल चरण ठोस रॉकेट चालित मिसाइल है जो नेविगेशन प्रणाली, एक उच्च तकनीक कंप्यूटर और एक इलेक्ट्रो-मेकेनिकल उत्प्रेरक के सहारे चलता है। 
आईटीआर सूत्रों ने बताया कि बंगाल की खाड़ी में स्थित अब्दुल कलाम द्वीप से खोजी मिसाइल परीक्षण के लिए छोड़ा गया जिसने जमीन से जमीन के लक्ष्य को भेदते हुए स्वदेशी तकनीक से पुनर्निर्मित 'पृथ्वी II' को अपना निशाना बनाया। दुश्मन के मिसाइल के तौर पर तैनात किए हुए 'पृथ्वी II' को चंद मिनट पहले ही चांदीपुर स्थित आईटीआर से मोबाइल लाॅन्चर से छोड़ा गया था। आड खोजी मिसाइल रेडियो फ्रिक्वेंसी के सहारे चांदीपुर से 70 किमी दूर जाकर नष्ट हुआ लेकिन उससे पहले लक्षित लक्ष्य मिसाइल को बंगाल की खाड़ी के ऊपर 30 किमी की ऊंचाई पर नष्ट भी कर दिया।