साभार: जागरण समाचार
लोकसभा में गुरुवार को तीन तलाक बिल पेश होने से इससे पीड़ित महिलाएं बेहद खुश हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ करते हुए सभी ने एक स्वर में कहा कि आज तो उनके लिए ईद से भी बड़ा पर्व है। पीड़िताओं ने इस
बिल को ऐतिहासिक बताया है।
लखनऊ की रहने वाली तीन तलाक पीड़िता हुमा कायनात ने कहा कि तीन तलाक के नाम पर डराया जाता है। इस बिल से वह लाभांवित होंगी। घरेलू ¨हसा कानून की तरह अगर तीन तलाक विरोधी कोई कानून बनता है तो थोड़ी राहत जरूर मिलेगी। आगरा की रहने वाली तीन तलाक पीड़िता फैजा खान ने कहा कि मैं बहुत ही खुश हूं। पीएम मोदी और सीएम योगी आदित्यनाथ ने मुस्लिम महिलाओं के हित में यह बड़ा कदम उठाया है। आज का दिन हमारे लिए ईद व बकरीद से भी च्जदा महत्वपूर्ण है।
सामाजिक कार्यकर्ता शबनम पांडेय ने कहा कि इस मुद्दे पर बहस इस बात पर नहीं होनी चाहिए कि अन्य धर्मो में भी ऐसी कुरीतियां हैं। अगर दूसरे धर्मो में कुरीतियां हैं तो यह बहाना नहीं बनना चाहिए कि कानून न बने। अगर तीन तलाक के मामले में कानून बनता है तो इसमें किसी को ऐतराज नहीं होना चाहिए।
आखिरी दिन तक बिल का विरोध करेंगे - जिलानी: ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने अपना विरोध जताते हुए इसे वापस लेने की मांग की है। बोर्ड के सेक्रेटरी जफरयाब जिलानी ने कहा कि हमें जो कहना था वह कह दिया। अब सरकार जो कर रही है, करने दो। हम आखिरी दिन तक बिल का विरोध करेंगे। बिल का पेश होना या पास होना आखिरी रास्ता नहीं है। इस देश में जम्हूरियत नाम की चीज भी है। सरकार की अपनी पुलिस है। प्रधानमंत्री का अपना एजेंडा है। उनके सामने 2019 का इलेक्शन है। रामपुर में देर से सोकर उठने पर एक महिला को शौहर के तलाक देने के मामले में जिलानी ने कहा कि यह सही है, लेकिन क्या और मजहबों में ऐसा नहीं है।