साभार: जागरण समाचार
मुंबई पर आतंकी हमले का मास्टरमाइंड हाफिज सईद अब पाकिस्तान की सत्ता पर काबिज होने का ख्वाब देख रहा है। राजनीतिक दल के रूप में मान्यता के लिए दरख्वास्त देने के बाद सईद ने मिल्ली मुस्लिम लीग
(एमएमएल) नाम से पार्टी बनाकर उसका पहला दफ्तर लाहौर में खोल दिया है। सईद यह पहले ही कह चुका है कि उसका संगठन जमात-उद-दावा सन 2018 के आम चुनाव में मिल्ली मुस्लिम लीग के बैनर तले शिरकत करेगा।
हाफिज सईद यह कोशिश पाकिस्तान सरकार के विरोध के बावजूद कर रहा है। कभी सईद का आंख मूंदकर समर्थन करने वाली पाकिस्तान सरकार अब मान रही है कि उसका चरमपंथी संगठन राजनीति में जिहादी और ¨हसक तत्वों को लाना चाहता है। सरकार यह भी मान रही है कि एमएमएल प्रतिबंधित आतंकी संगठन लश्कर ए तैयबा और जमात-उद-दावा का नया चेहरा होगा। एमएमएल ने पाकिस्तान के चुनाव आयोग के उस आदेश को भी चुनौती दी है जिसमें उसकी रजिस्ट्रेशन की दरख्वास्त को अक्टूबर को अस्वीकार कर दिया गया था। हाफिज सईद ने लाहौर संसदीय क्षेत्र के उसी इलाके में अपनी पार्टी का कार्यालय स्थापित किया है जहां से उसकी पार्टी का प्रत्याशी सितंबर में हुए उपचुनाव में खड़ा हुआ था और उसने छह हजार वोट पाए थे। यह सीट पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के अयोग्य घोषित किए जाने से खाली हुई थी। उस पर नवाज की पत्नी कुलसुम नवाज चुनाव जीती हैं। एमएमएल को राजनीतिक पार्टी का दर्जा देने से गृह मंत्रलय ने भी इन्कार कर दिया है। बावजूद इसके हाफिज सईद ने पार्टी का दफ्तर खोला है। पाकिस्तान सरकार ने अदालत से भी अनुरोध किया है कि वह हाफिज सईद की उस अर्जी को तवज्जो न दे जिसमें एमएमएल को राजनीतिक दल के रूप में मान्यता के लिए चुनाव आयोग को आदेश देने की मांग की गई है। पाकिस्तान के गृह मंत्रलय ने साफ कहा है कि वह राजनीति की मुख्यधारा में जिहादी तत्वों के प्रवेश की अनुमति नहीं देगी।