साभार: भास्कर समाचार
दक्षिण कश्मीर के पुलवामा जिले में सुरक्षा बलों ने मुठभेड़ में जैश-ए-मोहम्मद के एक शीर्ष कमांडर को मार गिराया। महज 4 फीट 2 इंच का 47 वर्षीय नूर मोहम्मद तांत्रे इतना खतरनाक आतंकी था कि उसे पोटा अदालत
ने 'मौत का सौदागर' करार दिया था। इस साल अक्टूबर में श्रीनगर एयरपोर्ट के पास बीएसएफ कैंप पर हुए आतंकी हमले समेत कई वारदातों में वह शामिल था। घाटी में जैश को फिर से खड़ा करने में भी उसने मुख्य भूमिका निभाई थी। इस मुठभेड़ दो आतंकी रात का फायदा उठाकर फरार हो गए। सम्बूरा गांव में तांत्रे समेत तीन आतंकियों के छिपे होने की सूचना पर सुरक्षा बलों ने सोमवार देर रात कुछ मकानों की घेराबंदी की। ऑपरेशन शुरू होते ही आतंकियों ने फायरिंग शुरू कर दी। तांत्रे जिस मकान में छिपा था, सुरक्षा बलों ने मंगलवार सुबह उसे विस्फोट कर ध्वस्त कर दिया। उसके शव के पास से हथियार और 19.20 लाख रुपए मिले हैं। डीजीपी एसपी वैद्य ने कहा, 'तांत्रे का मारा जाना बड़ी कामयाबी है। आतंकी श्रीनगर-जम्मू राजमार्ग पर एक काफिले पर हमले की योजना बना रहे थे। इलाके में एहतियातन इंटरनेट और रेल सेवा सस्पेंड कर दी गई है। - तांत्रे आतंकी बनने से पहले इंजीनियर था। दिल्ली में आतंकी हमलों को लेकर 2003 में उसे गिरफ्तार किया गया। 2011 में पोटा अदालत ने उसे सजा सुनाई। 2015 में पैरोल मिलने के बाद फरार हो गया और जैश का डिवीजनल कमांडर बन गया।
- इस साल अप्रैल में जैश के तीन आतंकियों के मारे जाने के बाद वह अंडरग्राउंड हो गया। उसके बाद दक्षिण और मध्य कश्मीर में वह आतंकी हमले कराने में मुख्य भूमिका निभाने लगा।
- 21 सितंबर को मंत्री नईम अख्तर के जुलूस पर और अक्टूबर में बीएसएफ कैंप पर हुए हमले का भी वह मास्टरमाइंड था। त्राल का ही निवासी होने के कारण उसे स्थानीय लोगों का समर्थन मिलता था।
- आतंकी तांत्रे जिस घर में छिपकर फायरिंग कर रहा था, फोर्स ने उसे ध्वस्त कर दिया, हथियार और 19 लाख रुपए बरामद
- पोटा अदालत ने उसे 2011 में सजा सुनाते वक्त मौत का सौदागर करार दिया था