साभार: जागरण समाचार
गुड गवर्नेस के बाद अब हरियाणा बेस्ट गवर्नेस की राह चलेगा। सरकार का लक्ष्य सभी 3 सरकारी सेवाओं को ऑनलाइन करने का है जिससे भ्रष्टाचार पूरी तरह खत्म हो जाएगा और लोगों को काम कराना आसान होगा।
सरकारी कामकाज में पारदर्शिता के लिए ही ई-पहल को शुरू किया गया है ताकि व्यक्तिगत हस्तक्षेप कम हो।
सुशासन दिवस पर सोमवार को सात डिजिटल सेवाएं लांच करने के बाद मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने यह बात कही। उन्होंने कहा कि लोगों को घर बैठे सरकारी सेवाएं उपलब्ध हों, इसके लिए बेस्ट-गवर्नेस जरूरी है। इससे समय और धन की बचत के साथ सेवाएं भी त्वरित मिलेंगी। मुख्यमंत्री ने ई-सेवाओं को विकसित करने वाली टीम को बधाई देते हुए कहा कि आज विशेष दिन है। सरकार पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिवस को सुशासन दिवस के रूप में मनाती है। आज ही महामना पंडित मदन मोहन मालवीय का भी जन्मदिवस है। सुशासन दिवस को शुरू किए चार साल हो गए। इस दौरान व्यवस्थाएं तेजी से बदलीं।
मुख्य सचिव डीएस ढेसी ने कहा कि नई ई-सेवाओं को सभी अधिकारी सरकार के साथ मिलकर सफल करने में कामयाब रहेंगे। इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आइटी विभाग के प्रधान सचिव देवेंद्र सिंह ने ई-सेवाओं की जानकारी दी। इस दौरान मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव डॉ. राकेश गुप्ता, चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव धनपत सिंह, इलेक्ट्रोनिक्स एवं आइटी विभाग के महानिदेशक विजेंद्र कुमार, नव एवं नवीकरणीय ऊर्जा विभाग की महानिदेशक नीरजा शेखर, शहरी स्थानीय निकाय विभाग के महानिदेशक नितिन यादव, आइजी सीआइडी अनिल राव उपस्थित थे।
डिजिटल इंडिया की मुहिम में अव्वल हरियाणा में सुशासन दिवस पर एक साथ 12 विभागों की 100 से अधिक ऑनलाइन सेवाओं का तोहफा मिला है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने सोमवार को सरल प्लेटफार्म, स्वच्छ मैप, दर्पण, होटलों में डिजिटल रजिस्टर, मोबाइल वीसी प्लेटफार्म और वन विभाग काएनओसी एप्लीकेशन लांच किया। सात नई डिजिटल सेवाओं से लोगों को सरकारी विभागों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। चंडीगढ़ स्थित हरियाणा सचिवालय में शहरी स्थानीय निकाय मंत्री कविता जैन के साथ मुख्यमंत्री ने 14 अप्रैल तक विभागों की 3 नागरिक सेवाओं के डिजिटल माध्यम से एक ही प्लेटफार्म पर मिलने की घोषणा की। 26 जनवरी तक प्रदेश के शहरों में स्वच्छता मैप एप्लीकेशन शुरू की जाएगी जिसके बाद शहर और गांवों में लोगों को गंदगी से त्वरित निजात मिलेगी। शहरों के लिए स्वच्छता मैप के एप्लीकेशन को सीएम ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान लांच किया।
- सरल प्लेटफार्म: ई-गवनेर्ंस के तहत सरल प्लेटफार्म पर 12 विभागों की 100 से अधिक सेवाएं आनलाइन की गई हैं। पटवारियों को इन सेवाओं के डिजिटल प्रयोग के लिए 2500 टेबलेट दिए गए हैं ताकि वे प्रमाणपत्र का डिजिटली सत्यापन कर सकें। देश में पहली बार जमीनी स्तर का यह कार्य इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से किया जाएगा।
- स्वच्छता मैप: इस एप्लीकेशन को अतिरिक्त संचालन की सुविधाओं के साथ केंद्र सरकार के स्वच्छता एप से जोड़ा गया है। गणतंत्र दिवस तक शहरों के लोग इस एप पर गंदगी के फोटो डाल कर समस्या से तुरंत निदान पा सकेंगे। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि एप में गांवों को भी जोड़ने की प्रक्रिया शुरू की जाए।
- दर्पण: उपायुक्तों के लिए डैशबोर्ड (दर्पण) पर देशभर में चल रही परियोजनाओं की विश्लेषणात्मक समीक्षा के साथ राष्ट्रीय स्तरीय परियोजनाओं का अनूठा सवेर्ंक्षण मौजूद रहेगा। डैशबोर्ड के जरिये राज्य सरकार की 11 सेवाएं और केंद्र सरकार की सात सेवाएं मुहैया कराई जा रही हैं।
- होटलों में डिजिटल रजिस्टर: पूरे देश में हरियाणा पहला राज्य है जहां होटलों में आगुंतकों के लिए डिजिटल रजिस्टर होगा। योजना के तहत पुलिस के साथ वास्तविक समय का डाटा ऑनलाइन साझा किया जाएगा और दस्ती सत्यापन की जरूरत नहीं होगी। ओयो कंपनी द्वारा निर्मित इस एप की विशेषता है कि होटलों का डाटा संबंधित पुलिस थाने का इंचार्ज अपनी लॉगइन आइडी से ही देख पाएगा। वर्तमान में इस एप्लीकेशन पर हरियाणा के 400 होटलों का डाटा 3 पुलिस थानों से जोड़ा गया है।
- वन विभाग की एनओसी एप्लीकेशन: वन विभाग की एनओसी एप्लीकेशन को इसरो और सीडैक ने तैयार किया है जिसे जीआइएस के साथ एकीकृत किया गया है। इससे आटोमैटिक एनओसी (अनापत्ति प्रमाणपत्र) जारी होगा। इस एप में खंड वानिकी आधारित व्यापार संस्थाओं के लिए खंड वानिकी संबंधी स्पष्टीकरण हेतु स्वत: स्वीकृति होगी।
- मोबाइल वीडियो कॉन्फ्रेंस प्लेटफार्म: मोबाइल वीडियो कॉन्फ्रेंस प्लेटफार्म पर वरिष्ठ आइएएस अधिकारी होंगे जिनके साथ मुख्यमंत्री या अन्य कोई भी अधिकारी वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये कहीं से कभी भी जुड़ सकेंगे। इस अवसर पर इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आइटी विभाग के प्रधान सचिव देवेंद्र सिंह ने मुख्यमंत्री को एक टेबलेट भी भेंट किया।
- पांच हाईटेक ई-दिशा केंद्र: घरौंडा, करनाल, गोहाना, कुरुक्षेत्र और रादौर के पांच ई-दिशा केंद्रों में अत्याधुनिक आधारभूत संरचना की शुरुआत हुई। डिजिटल सेवाओं के जरिये यहां लोगों के अधिकतर कामों का निपटान तेजी से होगा।