जेएनयू विवाद के पीछे केंद्र सरकार को जहां आतंकी साजिश के संकेत मिले हैं, वहीं विपक्षी दलों की सियासत पूरे उफान पर है। सुरक्षा एजेंसियों की रिपोर्टो के आधार पर गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने जेएनयू में लगे राष्ट्रविरोधी नारे को लश्कर प्रमुख हाफिज सईद से जोड़कर सचेत करने की कोशिश की। जवाब में विपक्ष ने
गृह मंत्री के खिलाफ ही सोशल मीडिया पर जंग छेड़ दी। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। इसी बीच कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी जेएनयू पहुंचे। भाजपा ने राजनाथ का समर्थन करते हुए विपक्ष को राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे को सार्वजनिक विवेचना से दूर रखने की सलाह दी है। जेएनयू मुद्दे पर शुरू से ही कड़ा रुख अख्तियार करने वाले राजनाथ ने रविवार को बताया कि जेएनयू में भारत विरोधी नारा लगाने वालों को हाफिज सईद का समर्थन प्राप्त है। विपक्ष ने राजनाथ के बयान को हाफिज के इसी कथित फर्जी ट्विटर एकाउंट से किए गए ट्वीट से जोड़ दिया। वाम दलों, आप और कांग्रेस सबने गृह मंत्री को घेरना शुरू कर दिया। हालांकि, शाम होते-होते साफ हो गया कि राजनाथ ने यह बयान कई एजेंसियों से मिली खुफिया रिपोर्ट के बाद दिया था। भाजपा प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर सरकार किन स्रोतों और किस आधार पर निर्णय लेती है, यह सार्वजनिक विवेचना का विषय नहीं है।
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साभार: जागरण समाचार
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