Thursday, February 25, 2016

आंदोलन के बाद हरियाणा भाजपा में बनने लगे जाट और नॉन-जाट गुट


जाटआरक्षण और जातीय हिंसा के बाद प्रदेश में भले ही अब माहौल शांत होता जा रहा है, लेकिन भाजपा सरकार का माहौल दिन दिन गरमाता जा रहा है। आंदोलन से निबटने में विफलता का आरोप लगाकर सीएम बदलने की चर्चाओं के बीच सभी गैर जाट मंत्री और विधायक अब खुलकर उनके समर्थन में गए हैं। इनका कहना है कि पहली बात तो मौजूदा सीएम बदलना ही नहीं चाहिए। किन्हीं कारणों से बदलना भी पड़े तो जाट सीएम किसी भी सूरत में नहीं बनने देंगे, भले ही बगावत ही क्यों करनी पड़े। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। गैर जाट समुदाय के मंत्रियों और विधायकों में अब इस बात को भी लेकर रोष है कि जिस तरह से हाईकमान ने आंदोलन के दौरान जाट प्रतिनिधियों को बुलाकर बात की। उसमें प्रदेश के दोनों जाट मंत्रियों को ही क्यों बुलाया गया, अगर सरकार का प्रतिनिधित्व ही रखना तो एक गैर जाट मंत्री भी होना चाहिए था। कुछ मंत्रियों और विधायकों ने राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और आरक्षण पर बनी कमेटी के चेयरमैन वेंकैया नायडू से मिलकर मांग की है अब आंदोलन प्रभावित गैर जाट वर्ग के प्रतिनिधियों को बुलाकर भी बात हो। 
हिंसा में मारे गए मृतकों के परिजनों को 10-10 लाख रुपए का मुआवजा और सरकारी नौकरी के फैसले से तमाम मंत्रियों और विधायकों में जबरदस्त आक्रोश है। पहले ही दिन सीएम के चैंबर में दो मंत्रियों कैप्टन अभिमन्यु और ओमप्रकाश धनखड़ पर भड़ास निकालने वाले अनिल विज ने अब पूरे मामले की ज्यूडिशियल कमीशन बनाकर पूरे मामले की जांच कराए जाने की मांग है। 
फरीदाबाद विधायक विपुल गोयल ने कहा कि उपद्रवियों और दंगा भड़काने वालों को किसी भी सूरत में बख्शेंगे नहीं। ऐसे लोगों पर सरकार सख्त कार्रवाई करेगी। जिन लोगों का नुकसान हुआ है, उनके नुकसान का आकलन करने के लिए प्रपत्र जारी किया जा चुका है। उन्हें जल्दी ही उचित मुआवजा दिया जाएगा। उन्होंने भी सीएम से मांग की है कि पार्टी विधायक दल और कार्यकर्ताओं की तुरंत मीटिंग बुलाई जानी चाहिए। दुःख की इस घड़ी में वे पीड़ित परिवारों के साथ खड़े हैं। उन्हें धैर्य रखना चाहिए। मुआवजा और नौकरी सिर्फ निर्दोष लोगों को ही मिलेगा। 
खाद्य एवं आपूर्ति राज्यमंत्री कर्णदेव कंबोज ने मीडिया से बातचीत में कहा कि हम लोग सेवा करने के लिए आए हैं। अगर हम अपने लोगों की जान-माल की सुरक्षा भी कर सकें तो फायदा क्या। ये मंत्री पद तो क्या चीज है अपनी जिंदगी भी दे देंगे। हमें आरएसएस ने यही सिखाया है कि देश और समाज की सेवा के लिए त्याग करना। इसमें लोगों के कारोबार चले गए। परिवार के परिवार तबाह हो गए। जीवनभर की कमाई चली गई। अगर फिर भी ऐसे लोगों को मुआवजा दिया जाता है जो दंगा भड़काने में शामिल रहे हैं। मैं इसका विरोध करूंगा। आंदोलन में जिन अफसरों की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं उनकी जांच करवाकर कार्यवाही की जाएगी। 
अनिल विज ने कहा कि कुछ लोग भाजपा में जाट-गैर जाट की बात कर रहे हैं। हम लोग जात-पात में भरोसा नहीं रखते। विचार अलग-अलग हो सकते हैं, लेकिन आंदोलन से पैदा हुए हालात से निबटने के लिए हम सब एक जुट हैं और सीएम मनोहर लाल के साथ मजबूती से खड़े हैं। उन्होंने कहा कि उपद्रव में मारे गए लोगों के आश्रितों को 10 लाख की सहायता और नौकरी देने, तथा आरक्षण विधेयक लाए जाने को लेकर कैबिनेट की मीटिंग में तो कोई फैसला हुआ और ही कोई चर्चा हुई। यहां तक कि कैबिनेट मीटिंग की प्रोसिडिंग में भी इन बातों का जिक्र तक नहीं है। किसी मंत्री ने अपने स्तर र कोई घोषणा कर दी होगी, जब कैबिनेट में विषय आएगा तब विचार करेंगे। 
बहादुरगढ़ | भाजपाविधायक नरेश कौशिक ने माना कि सरकार की लापरवाही के कारण ही असामाजिक तत्वों को लूट-खसोट करने आगजनी करने की खुली छूट मिली। इस लापरवाही में हरियाणा पुलिस भी बराबर की जिम्मेदार है। यदि समय पर सख्त कदम उठाया होता तो प्रदेश की जनता के दिलों में इस तरह की दहशत नहीं होती। प्रेस कॉन्फ्रेंस में विधायक ने कहा कि प्रो. वीरेंद्र सिंह की टेप मामले के खुलासे के लिए उच्चस्तरीय जांच की जानी चाहिए। जनता को भी पता चलना चाहिए कि लूटपाट आगजनी की घटनाओं के पीछे असल में कौन लोग शामिल थे? 
जाट आरक्षण आंदोलन से निबटने की रणनीति में अपनी उपेक्षा से नाराज मंत्रियों और विधायकों ने अब तुरंत विधायक दल की मीटिंग बुलाए जाने की मुहिम शुरू कर दी है। अनिल विज ने बताया कि इस संबंध में उनकी प्रदेश प्रभारी डॉ. अनिल जैन से बात हुई है। विधायकों के साथ-साथ प्रमुख कार्यकर्ताओं की भी मीटिंग बुलाकर उनसे आंदोलन को लेकर फीडबैक लिया जाना चाहिए। -प्रभारी अनिलजैन और संगठन महामंत्री 26 फरवरी को पार्टी विधायकों मंित्रयों से आंदोलन, निबटने में हुई चूक समेत अन्य मसलों पर फीडबैक लेंगे। 

Post published at www.nareshjangra.blogspot.com
साभार: भास्कर समाचार 
For getting Job-alerts and Education News, join our Facebook Group “EMPLOYMENT BULLETIN” by clicking HERE. Please like our Facebook Page HARSAMACHAR for other important updates from each and every field.