जाट आरक्षण आंदोलन में समर्थक की भूमिका का वीडियो सामने आते ही कैथल की एसडीएम मनदीप कौर पर गाज गिर गई। उनको तत्काल प्रभाव से हटा दिया गया है। नई पोस्टिंग अभी नहीं दी गई है। उनके स्थान पर पेहवा के एसडीएम नरेंद्र पाल मलिक को नियुक्त किया गया है। सोशल मीडिया पर लगातार वायरल हो
रहे वीडियो का संज्ञान स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने भी लिया है। प्रदेश सरकार ने वीडियो की जांच चीफ सेक्रेटरी से कराने के आदेश दिए हैं। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। वीडियो की सत्यता प्रमाणित होने के बाद एसडीएम के खिलाफ कार्रवाई भी हो सकती है।
बता दें कि पिछले दो दिन से सोशल साइट पर वीडियो चल रहा है, जिसमें एसडीएम कैथल को जाट आरक्षण आंदोलन स्थल पर सभा को संबोधित करते दिखाया गया है। जागरण ने समाचार को प्रमुखता से प्रकाशित किया था। जिसके बाद प्रदेश सरकार ने संज्ञान लेते हुए एसडीएम कैथल का तबादला कर दिया है। उनके साथ सात अन्य एचसीएस अधिकारियों का भी तबादला किया गया है, लेकिन माना जा रहा है कि वीडियो के वायरल होने के बाद तबादले के रूप में उन पर गाज गिरी है।पुलिस महकमे में शीर्ष स्तर पर बदलाव शुरू कर दिया गया है। सरकार ने विजिलेंस ब्यूरो के महानिदेशक का कार्यभार पुलिस महानिदेशक यशपाल सिंघल से वापस लेकर पुलिस महानिदेशक (कारागार) परमिंद्र राय को सौंप दिया है। ऐसा कर सरकार ने सिंघल का भार तो कम कर दिया, लेकिन इसके पीछे मंत्रियों का दबाव कमाना जा रहा है। मंत्री पुलिस में उच्च स्तर पर भी बदलाव के लिए दबाव बनाए हुए हैं। फरीदाबाद के एसीपी वीर सिंह को रोहतक का डीएसपी बनाया गया है, जबकि मेवात के डीएसपी विवेक चौधरी को भी रोहतक में डीएसपी नियुक्त किया गया है।
हो सकती है न्यायिक जांच: जाट आंदोलन की न्यायिक जांच का एलान किसी भी समय संभव है। प्रदेश सरकार इस पर गंभीरता से विचार कर रही है। प्रदेश के गैर-जाट मंत्री, मुख्य संसदीय सचिव व विधायक न्यायिक जांच के लिए सरकार पर दबाव बना रहे हैं। इसे जाट नेताओं के विरुद्ध लाबिंग की अगली कड़ी के रूप में देखा जा रहा है।
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साभार: जागरण समाचार
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