जाट समुदाय को आरक्षण मिलने और केंद्र में हाईपावर कमेटी गठित कर दिए जाने के बाद राज्य के हालात धीरे-धीरे सामान्य होने की ओर बढ़ गई हैं। कई जिलों में उपद्रव शांत होने की खबरें आ रही हैं। हालात सामान्य होने के बाद अफसरशाही में बड़े स्तर पर बदलाव संभव हैं। प्रदेश सरकार ने तुरंत प्रभाव से सबसे
अधिक आंदोलन प्रभावित रोहतक के आइजी श्रीकांत जाधव को हटा दिया है। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। जाधव अब स्टेट क्राइम रिकार्ड ब्यूरो मधुबन के आइजी के तौर पर काम करेंगे। सरकार ने करीब दो दर्जन आइपीएस, एचपीएस और आइएएस व एचसीएस अधिकारियों को चिह्नित किया है, जिनकी जाट आंदोलन में भूमिका सही नहीं है। ऐसे अधिकारियों का टंगना तय है। सरकार उनके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करने पर विचार कर रही है। चंडीगढ़ मुख्यालय पर तैनात कई पुलिस अधिकारियों के तबादले भी संभव हैं। राज्य के गृह सचिव पीके दास ने कहा कि सरकार सोशल मीडिया पर पोस्ट की जा रही टिप्पणियों व अन्य सामग्री का अध्ययन कर रही है। इसमें नफरत फैलाने वाली टिप्पणियों और सामग्री से जुड़े लोगों के विरूद्ध सख्त कार्यवाही की जाएगी। सरकार ऐसी सभी सोशल वेबसाइट को भी बंद करने पर विचार कर सकती है। गृह सचिव ने दावा किया कि मुख्य शहरों में शांति और नियंत्रण रहा है। पीके दास के अनुसार आठ जिलों में सेना और अर्धसैनिक बलों की तैनाती की गई है। जींद, कैथल, करनाल और पानीपत में शांति रही। मूनक नहर पर पानी की सप्लाई के लिए हुए संघर्ष में एक व्यक्ति की मौत हुई है। फिलहाल यहां काम रोक दिया गया है। झज्जर के उपायुक्त द्वारा वहां के एसपी सुमीत कुमार के खिलाफ सरकार को पत्र लिखने की जानकारी मिली है। बताते हैं कि उपायुक्त ने एसपी के सहयोग नहीं करने की बात कही है।
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साभार: जागरण समाचार
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