Friday, February 26, 2016

शर्मिंदगी: अमेरिका, इंग्लैंड और जापान तक हुआ हरियाणा बदनाम

गुड़गांव और हरियाणा में सबसे अधिक निवेश जापान ने किया है। यही कारण है कि वहां की समाचार एजेंसी क्योडो और उसके अखबार एनएनए क्योडो ने जाट आरक्षण आंदोलन को आर्थिक चश्मे से देखा है। जापानी मीडिया ने हरियाणा में 20 हजार करोड़ के औद्योगिक उत्पादन के नुकसान की बात प्रकाशित की है। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। 
पाठकों के तल्ख कमेंट:
  • वाशिंगटन पोस्ट के पाठक एम. कॉलिंस ने ऑनलाइन कमेंट किया है कि इस प्रकार का आंदोलन लोकतांत्रिक राज्य के लिए शर्म की बात है।
  • वाशिंगटन पोस्ट के पाठक रोड हेड ने लिखा है कि बेशक जाटों के पास जमीन है मगर बढ़ती जनसंख्या के कारण यह संकुचित हो रही है। जो खतरनाक तरीके से नियंत्रण के बाहर है।
  • वाशिंगटन पोस्ट के पाठक प्रो. इलेवुड ने खिला है कि प्रदर्शनकारी चीजों को जिस प्रकार से नष्ट कर रहे थे वह प्रदर्शन का सबसे घिनौना तरीका है।
Post published at www.nareshjangra.blogspot.com
साभार: अमर उजाला समाचार 
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