Friday, February 26, 2016

मुरथल में महिलाओं से दुर्व्यहवार या दुष्कर्म: डीजीपी से माँगा कोर्ट ने जवाब

जाट आरक्षण के नाम पर हरियाणा में हुए उपद्रव के दौरान मुरथल में ढाबे पर महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार और दुराचार की खबरों पर पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने सूबे के डीजीपी से रिपोर्ट तलब कर ली है। इसके साथ ही सरकार को भी नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है। बेंच ने कहा है कि दुराचार या दुर्व्यवहार से पीड़ित महिलाएं या कोई प्रत्यक्षदर्शी सामने आए तो उसकी पहचान गुप्त रखी जाएगी। साथ ही ऐसी शिकायत की जांच स्वतंत्र एजेंसी से कराने पर भी अदालत को कोई गुरेज नहीं होगा। जस्टिस एनके सांघी की ओर से एक समाचार पत्र में प्रकाशित खबर पर लिए गए स्वत: संज्ञान की सुनवाई करते हुए जस्टिस एसके मित्तल व एचएस सिद्धू की बेंच ने डीजीपी से रिपोर्ट तलब की है। जस्टिस सांघी ने मामले का स्वत: संज्ञान लेते हुए एक्टिंग चीफ जस्टिस को भेजे गए पत्र में कहा था कि ऐसा वाकया बेहद शर्मनाक है। ऐसे हालात पर हाईकोर्ट मूक दर्शक नहीं बना रह सकता। लिहाजा जांच देश की प्रमुख एजेंसी से कराई जानी चाहिए। मामले में स्वत: संज्ञान लिया जाना चाहिए। इसी पर एक्टिंग चीफ जस्टिस ने इस पत्र को स्वत: संज्ञान के तौर पर चलाने के लिए मामला सुनवाई के लिए जस्टिस मित्तल की डिवीजन बेंच के पास भेज दिया था। मामले में सुनवाई करते हुए वीरवार को डिवीजन बेंच ने एडवोकेट जनरल को निजी तौर पर पेश होने का निर्देश दिया। इसी दौरान हरियाणा ह्यूमन राइट्स संगठन की ओर से एडवोकेट उत्सव बैंस भी पेश हुए। उन्होंने कहा कि मामले की जांच सीबीआई से कराई जानी चाहिए। एडवोकेट बैंस ने आशंका जताई कि पीड़ित या प्रत्यक्षदर्शी के सामने आने पर उसे खतरा हो सकता है।
हेल्प डेस्क स्थापित करें सीजेएम: बेंच ने हरियाणा के सभी जिलों में मौजूद जिला लीगल सर्विस अथॉरिटी के सचिव (सीजेएम) को निर्देश दिया है कि वह हेल्प डेस्क स्थापित करें। उपद्रव के दौरान प्रदेश भर से कहीं भी दुराचार या दुर्व्यवहार की शिकायत आए तो तुरंत पुलिस को सूचित किया जाए। इन शिकायतों पर कार्रवाई को गंभीरता से लिया जाए। यह भी साफ किया है कि दुराचार या दुर्व्यवहार की शिकायत करने वालों की पहचान गोपनीय रखी जाए। इसके साथ ही इस डेस्क पर उपद्रव के दौरान संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों के खिलाफ आने वाली शिकायतों पर भी गंभीरता से कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है। साथ ही हरियाणा सरकार से कहा गया है कि वह समाचार पत्रों में विज्ञापन जारी कर आम लोगों को जागरूक करें। विज्ञापनों के माध्यम से यह अपील किया जाए कि कोई भी पीड़ित अपने संबंधित जिला लीगल सर्विस अथॉरिटी के हेल्प डेस्क पर सील लिफाफे, ईमेल या रिश्तेदार के माध्यम से शिकायत कर सकता है। 
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साभार: अमर उजाला समाचार 
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