प्रवेश परीक्षाओं में सफल होने के लिए कड़ी मेहनत के साथ सही मार्गदर्शन की बेहद जरूरत होती है। यदि यह जरूरत कोचिंग इंस्टीट्यूट के माध्यम से पूरी होती है, तो बेशक इन्हें आजमाया जा सकता है, लेकिन कुछ बातों को ध्यान में रखते हुए:
- किसी भी कोचिंग के चुनाव से पहले खुद से यह सवाल जरूर पूछें कि इसी संस्थान का चुनाव क्यों किया जाए, लेकिन इससे भी पहले यह जानने की कोशिश करें कि आपको कोचिंग की आवश्यकता क्यों है।
- विषय से संबंधित आधारभूत बातों का सम्पूर्ण ज्ञान है, तो आपको कोचिंग लेने की विशेष जरूरत नहीं है, क्योंकि अधिकतर कोचिंग संस्थान केवल विषय के मौलिक सिद्धांतों की ही जानकारी देते हैं, जिनके आधार पर परीक्षा की तैयारी स्टूडेंट को खुद ही करनी होती है।
- कोचिंग संस्थान का चुनाव सिर्फ इस आधार पर करें कि आपके दोस्त साथियों ने भी उसे चुना है, या प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले अधिकतर विद्यार्थियों ने उसी कोचिंग की मदद ली है।
- किसी कोचिंग को इसीलिए चुनें कि आपने उसके विज्ञापन ज्यादा देखे हैं। हालांकि चयन करते समय इंस्टीट्यूट की प्रतिष्ठा पूर्व वर्षों के परिणामों पर ध्यान दिया जाना चाहिए, लेकिन केवल विज्ञापन चुनाव का आधार नहीं हो सकता।
- कोचिंग संस्था के नाम के बजाय उसके द्वारा उपलब्ध कराए जाने वाले स्टडी मटीरियल की गुणवत्ता और फैकल्टी को प्राथमिकता दें।
- अधिकतर प्रतिष्ठित कोचिंग संस्थानों के स्टडी मटीरियल की गुणवत्ता फैकल्टी लगभग समान स्तर की ही होती है, इसलिए तुलनात्मक रूप से उन बातों पर ध्यान दिया जाना चाहिए, जो दूसरा संस्थान आपको अतिरिक्त दे सके। इन अतिरिक्त चीजों में संस्थान द्वारा दी जाने वाली एक्स्ट्रा लेक्चर की व्यवस्था, विशेष कक्षाएं आदि को शामिल किया जा सकता है।
- कोचिंग एक सहायक माध्यम है, लेकिन ऐसा नहीं है कि जिसने कोचिंग नहीं ली, उसे अच्छे अंक नहीं मिल सकते। आपको खुद की काबिलियत पर यकीन है और सही तरीके से परीक्षा के विभिन्न चरणों की तैयारी कर सकते हैं, तो इससे बेहतर कुछ नहीं है। आप इंटरनेट दूसरे सहायक माध्यमों की मदद भी ले सकते हैं।
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साभार: भास्कर समाचार
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