Friday, February 26, 2016

चौ. ओम प्रकाश चौटाला और अजय सिंह चौटाला की सजा बरकरार रखी सुप्रीम कोर्ट ने

हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री चौ. ओमप्रकाश चौटाला और उनके पुत्र अजय सिंह चौटाला की मुश्किलें कम नहीं हो रही हैं। सुप्रीम कोर्ट ने चौटाला और उनके पुत्र अजय को 10 साल की सजा के पहले फैसले पर मुहर लगाते हुए उसे बरकरार रखा है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उन्हें अपने फैसले पर पुनर्विचार करने के लिए कोई मजबूत
और ठोस आधार नजर नहीं आ रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला फिलहाल पैरोल पर हैं। उन्होंने और उनके पुत्र अजय चौटाला ने 10 साल की सजा के फैसले पर पुनर्विचार करने के लिए पुनर्विचार याचिका दायर की थी, जिसमें उन्होंने कई आधार बताते हुए राहत देने की मांग की थी। सुप्रीम कोर्ट ने पुनर्विचार याचिका खारिज करते हुए कहा कि इस पर पुनर्विचार करने का कोई आधार न्यायालय को नजर नहीं आ रहा है। 80 वर्षीय ओम प्रकाश चौटाला, उनके बेटे अजय और तीन अन्य को इस मामले में 10 साल की सजा हुई है। चौटाला और अजय ने दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी थी। सुप्रीम कोर्ट के एक जज ने चौटाला की याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया था। यह कहते हुए कि वे कुछ दोषियों की ओर से केस लड़ चुके हैं। हाईकोर्ट ने 5 मार्च को चौटाला, अजय और तीन अन्य की सजा को कायम रखा था। वर्ष 1999-2000 में चौटाला के मुख्यमंत्री रहते हुए 3206 प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती हुई थी। आरोप है कि नियम-कायदों को ताक पर रखकर जेबीटी शिक्षकों की भर्ती की गई थी। 3206 जेबीटी की भर्ती में रसूखदारों के चहेते उम्मीदवारों से पैसा लेकर उनके नाम सूची में बाद में जोड़ने का आरोप है। धांधली का आरोप लगाते हुए तत्कालीन शिक्षा निदेशक संजीव कुमार 2003 में सुप्रीम कोर्ट चले गए। सीबीआइ जांच हुई तो संजीव खुद भी घोटाले में लिप्त पाए गए। 2008 में सीबीआइ ने विशेष कोर्ट में 62 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की। सीबीआइ कोर्ट ने जुलाई 2010 में आरोप तय किए। जनवरी, 2013 में चौटाला पिता-पुत्र सहित 55 लोगों को अलग-अलग वषों की सजा सुनाई गई। दिल्ली हाईकोर्ट भी सजा पर मुहर लगा चुका है।  
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साभारजागरण समाचार 
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