हरियाणा भाजपा में जाटों को आरक्षण देने का मामला खटाई में पड़ता दिख रहा है और इसकी जगह अब आरक्षण आंदोलन के बीच प्रदेश में फैले जातीय उपद्रव के बाद भड़की हिंसा ने ले ली है। इस मुद्दे पर पार्टी, सरकार, सांसद, विधायक और मंत्रियों के जाट और गैर जाट खेमे में बंट जाने के बाद शुक्रवार को बुलाई गई कोर कमेटी की बैठक में आरक्षण की जगह आंदोलन के दौरान हुई भीषण हिंसा और आगजनी पर गंभीर चर्चा हुई। राज्य में गैरजाट बिरादरी के एकजुट होने और इसके आगामी परिणामों को देखते हुए फिलहाल पार्टी ने उन्हीं मृतकों के परिवारों को मुआवजा देने का फैसला किया है, जो हिंसा में शामिल नहीं थे। इस फैसले के पीछे प्रदेश में मुआवजे पर जाट और गैरजाट भाजपा मंत्रियों-विधायकों के खेमों में बंट जाना भी अहम कारण माना जा रहा है।
हरियाणा भवन में आयोजित कोरग्रुप की पूरी बैठक हिंसा-आगजनी के कारण पार्टी के समर्थक गैर जाट बिरादरी की नाराजगी दूर करने पर केंद्रित रही। खुद मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कमेटी के सदस्यों को आश्वस्त किया कि आंदोलन के दौरान उन्हीं मृतक परिवारों को मुआवजा मिलेगा जो हिंसा में शामिल नहीं थे। इस दौरान मुख्यमंत्री ने हिंसा में शामिल लोगों की जल्द से जल्द पहचान के साथ ही आंदोलन को हिंसा का रूप देने वाले लोगों की पहचान उजागर कर हर हाल में कार्रवाई का आश्वासन दिया।
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जाट आरक्षण पर रार
संघ को भी दी खट्टर ने जानकारी
•हरियाणा भवन में चली करीब ढाई घंटे की बैठक के बाद सीएम खट्टर झंडेवालां स्थिल दीनदयाल शोध संस्थान में संघ के कई वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक की। इस दौरान उन्होंने हिंसा के अलावा सरकार की ओर से की जा रही कार्रवाई की पूरी जानकारी दी। गौरतलब है कि संघ राज्य में सामाजिक तानाबाना बिगड़ने से बेहद खफा है। वह चाहता है कि सरकार और पार्टी की ओर से सामंजस्य बैठाने की पहल हो।
सुप्रीम कोर्ट ने रद कर दिया तो फिर क्यों मिले जाटों को आरक्षण: कांबोज
जाट मंत्रियों ने साधी चुप्पी
मैराथन बैठक के बाद गैर जाट नेताओं ने तो खुल कर मीडिया के सामने अपनी बात रखी, मगर जाट मंत्रियों कैप्टन अभिमन्यु और ओमप्रकाश धनखड़ ने मीडिया से दूरी बना ली। इस दौरान मंत्री रामबिलास शर्मा, रमेश कौशिक, सुधा यादव सहित कई गैर जाट सदस्यों ने मीडिया से बात की।
सैनी के खिलाफ फिलहाल कार्रवाई नहीं
गैरजाटों की नाराजगी दूर करने में जुटी भाजपा सांसद राजकुमार सैनी के खिलाफ फिलहाल कोई कार्रवाई नहीं करेगी। फिलहाल राज्य में नेतृत्व परिवर्तन की संभावना भी खत्म हो गई है। दरअसल नेतृत्व को डर है कि सैनी के खिलाफ तत्काल कार्रवाई से गैर जाट बिरादरी में नाराजगी और बढ़ जाएगी। इसके बदले गैरजाट नेताओं की ओर से जाट मंत्रियों के खिलाफ भी कार्रवाई का दबाव बढ़ेगा।
•सीएम ने कहा दोषियों की पहचान की जा रही है, किसी को नहीं बख्शेंगे
रोहतक (ब्यूरो)। सरकार भले ही जाटों को आरक्षण देने की बात कह रही हो, लेकिन गैर जाट मंत्री व विधायक किसी भी तरह से इस पक्ष में नहीं दिख रहे है। गैर जाट मंत्रियों के तीखे बोल इस ओर ही इशारा कर रहे है। रोहतक और गोहना में पीड़ित व्यापारियों के बीच पहुंचे खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री कर्णदेव कंाबोज ने साफ कहा कि जब सुप्रीम कोर्ट ने आरक्षण रद कर दिया है तो जाटों को आरक्षण क्यों मिले।
यह आंदोलन केवल उपद्रव करने के लिए किया गया था। उपद्रवियों और इनको शह देने वाले अधिकारियों व नेताओं की संपत्ति जब्त कर मुआवजा दिया जाएगा। रोहतक में सुखपुरा चौक पर कंाबोज ने कहा कि उपद्रव में जितनी भी सरकारी व निजी संपत्ति का नुकसान हुआ है। उसे फिलहाल पीड़ितों के जख्मों पर मरहम लगाने के लिए सरकार देगी। लेकिन जिस उपद्रवी, अधिकारी व नेता का नाम सामने आएगा, उन पर केवल कार्रवाई नहीं होगी। बल्कि उनकी संपत्ति कुर्क की जाएगी, जिससे नुकसान की भरपाई हो सके और पीड़ितों के जख्मों को भरा जा सके।
कांबोज, पर्यावरण एवं खनन मंत्री नायब सिंह सैनी, लाडवा के विधायक डॉ. पवन सैनी, थानेसर के विधायक सुभाष सुधा ने आगजनी से प्रभावित जगहों का दौरा किया। वहां जिन दुकानों को जलाया गया है, उन सभी को देखने भी पहुंचे।
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साभार: अमर उजाला समाचार
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