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Tuesday, February 27, 2018

मूल चरित्र नहीं बदलता, वह नए अवतार ले लेता है

एन. रघुरामन (मैनेजमेंट गुरु)
साभार: भास्कर समाचार
बारह मार्च 1993 को मैं मुंबई स्थित जुहू के सेंटौर होटल के बेसमेंट में बैठकर सेलेब्रिटी शेफ संजीव कपूर से बातचीत कर रहा था, जो तब वहां काम करते थे। वे कार पार्किंग तक मेरे साथ आए और कोने में खड़ी एक अन्य

Thursday, February 22, 2018

मैनेजमेंट: लोगों का आकलन करने के पहले थोड़ा रुक जाएं

एन. रघुरामन (मैनेजमेंट गुरु)
साभार: भास्कर समाचार
अापको कभी-कभी एक वॉट्सएप मैसेज मिलता होगा, जिसमें कहा होता है, 'कृपया सब्जीवाले से 2-5 रुपए के लिए बहस करके सितारा होटल में जाकर 100 रुपए की टीप न दें।' मुझे जब भी यह संदेश मिलता है तो यह

Friday, February 2, 2018

दो बातें मैनेजमेंट की: कलियुग में कर्म और धर्म को फिर से परिभाषित करें

एन. रघुरामन (मैनेजमेंट गुरु)
स्टोरी 1: पेशे से टेलर उनके पिताजी के लिए सात बच्चों की परवरिश में बहुत कठिन थी। वे तीन साल के भी नहीं हुए थे कि उसे पश्चिम बंगाल के पुरुलिया जिले के तालडंगा स्थित नाना के घर भेज दिया, जो बोकारो

Monday, January 22, 2018

हमेशा उन चीजों पर काम करें जो मानव प्रजाति को व्यापक स्तर पर प्रभावित कर रही हों

एन. रघुरामन (मैनेजमेंट गुरु)
साभार: भास्कर समाचार
'यदि आप स्मार्ट हैं तो आपको वह चीज दिखती है, जो जोखिमभरी है और ठीक आपके सामने मौजूद है। और इसी प्रकार मैं निवेश करता हूं।' यह कहना है बिल गेट्स का, जिन्होंने दुनिया की सर्वाधिक घातक पर सबसे

Friday, January 19, 2018

मैनेजमेंट: चैम्पियन हमेशा जीतते नहीं, गिरकर फिर चल पड़ते हैं

एन. रघुरामन (मैनेजमेंट गुरु)
साभार: भास्कर समाचार
स्टोरी 1: उनका एकमात्र जुनून है टीवी पर लड़ाकू विमानों को उड़ते, शत्रुओं पर बम बरसाते और बम धमाकों की आवाज करते देखना। लेकिन, कोई निश्चित रूप से नहीं कह सकता कि गैरेज मेकेनिक के बेटे इस लड़के के

Monday, January 8, 2018

क्या आपका शरीर दिमाग पर हावी रहता है? जवाब 'हाँ' हो या 'नहीं' इसे अवश्य पढ़ें

एन. रघुरामन (मैनेजमेंटगुरु)
साभार: भास्कर समाचार
रविवार तड़के 5:50 बजे रायपुर की होटल में अलार्म बजा। चूंकि पिछले तीन दिनों से रात 2 बजे बाद सोता रहा था तो मेरे शरीर ने कुछ और मिनट सोना चाहा लेकिन, मेरे दिमाग ने आगाह किया कि मुझे मुंबई की फ्लाइट

Life Skill: समझदारी से तलाशें समाधान

साभार: जागरण समाचार 
हमारे देश में अधिकतर बच्चों के करियर का फैसला माता-पिता या परिवार का कोई और सदस्य करता है। यही कारण है कि आगे चलकर बहुत से लोग मनपसंद करियर में न होने के कारण स्ट्रेस या डिप्रेशन का शिकार होते

Sunday, January 7, 2018

Criticism Management: सफलता का पहला इशारा है आलोचना

साभार: भास्कर समाचार
आप संस्थान में आगे बढ़ते हैं तो असुरक्षित कर्मचारियों के लिए डर पैदा कर देते हैं। वे आपकी तरह काम नहीं कर पाते हैं तो परेशान होकर आपकी गलतियां तलाशने लगते हैं। ऐसे में ये याद रखना जरूरी है कि संस्थान में

बिना शर्त देने की इच्छा रखने वाले जल्दी भरोसा कायम कर लेते हैं

साभार: भास्कर समाचार
एडम ग्रैंट की किताब 'गिव एंड टेक' पर्सनल सक्सेस करियर सक्सेस पर किए गए शोध के आधार पर तैयार की गई एक गाइड है। किताब में ग्रैंट इसपर बहस करते हैं कि सफल गिवर्स भी टेकर्स और मैचर्स जितने ही महत्वकांक्षी

Listening Management: ज्यादा बोलने से कहीं बेहतर है ज्यादा सुनना

साभार: भास्कर समाचार
  • ग्रीक फिलॉसफर एपिकटेटस ने कहा है कि हमारे दो कान और एक मुंह है, मतलब हमें बोलने से दोगुना ज्यादा सुनना चाहिए। 

लोगों को सुनना प्रभाव पैदा करने का सबसे अनोखा और सरल उपाय है। सुनकर ये जानने की कोशिश करनी

Thursday, January 4, 2018

मैनेजमेंट: पढ़ाई में Dropout होने का मतलब कामयाबी में Dropout नहीं होता

एन. रघुरामन (मैनेजमेंटगुरु)
साभार: भास्कर समाचार
मूलत: केरल के पलक्कड के के. राजीव के परिवार की उम्मीद तब बहुत बढ़ गई जब वे ख्यात मद्रास मेडिकल कॉलेज के 17 वर्षीय महत्वाकांक्षी मेडिकल छात्र के रूप में 1997 में चेन्नई रवाना हुए। मेडिकल जगत के लिए

Wednesday, January 3, 2018

अवश्य पढ़ें: हमदर्दी स्कूली बच्चों से वह करवा सकती है जो सरकार भी कर सकी हो

एन. रघुरामन (मैनेजमेंटगुरु)
साभार: भास्कर समाचार
कल्पना कीजिए कि आप अपने 9वीं या 12वीं में पढ़ने वाले बच्चे को कुछ दिनों के लिए अपने पैतृक गांव अथवा ग्रामीण भारत दिखाने के लिए पिकनिक पर ले जाएं। फिर आप देखें कि वहां अस्वच्छ पेयजल पहले से ही

Tuesday, January 2, 2018

लाइफ मैनेजमेंट: लोग ऐसा क्यों कहते हैं कि जब सपने देखो तो बड़े सपने देखो?

एन. रघुरामन (मैनेजमेंटगुरु)
साभार: भास्कर समाचार
शंकर पिछड़े वर्ग के थे। अपने कॅरिअर में उनका सपना डॉक्टर बनने का था लेकिन, वे हाउस नर्स बन गए और निजी रूप से प्रैक्टिस करने लगे। उनके पिताजी बचत को लेकर बहुत जागरूक थे लेकिन, पैसा ही वह मुख्य

Sunday, December 31, 2017

कम्यूनिकेशन मैनेजमेंट: काम करके खुद को सही साबित करना है बेहतर, जो दिखता है उसे ही सच माना जाता है

साभार: भास्कर समाचार
बहस से मिलने वाली क्षणिक विजय दरअसल खोखली होती है। इससे सामने वाले के विचार नहीं बदलते हैं। बल्कि उसके मन में द्वेश और दुर्भावना उत्पन्न होती है। कुछ बोले बिना अपने कार्य से लोगों को प्रभावित

एटिट्यूड मैनेजमेंट: परेशानी में आपका रवैया ही आगे बढ़ाता है या पीछे धकेल देता है, सही या गलत कुछ भी नहीं है

साभार: भास्कर समाचार
रिसर्च बताती है कि जीवन में आने वाली मुसीबतों और परेशानियों के प्रति लोगों का रवैया ही उन्हें बाकियों से अलग खड़ा कर देता है। अब सवाल उठता है कि उनका ये रवैया बनता कैसे है? जवाब है कि इसे खुद ही नियंत्रित

Thursday, December 28, 2017

Management: कमजोरों के लिए लड़ें तो आहत को राहत मिलती है

एन. रघुरामन (मैनेजमेंटगुरु)
साभार: भास्कर समाचार 
स्टोरी 1: इस हफ्ते महाराष्ट्र के हिल स्टेशन महाबलेश्वर में अपने दोस्त के यहां छुटि्टयां बीता रहे शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे पड़ोस के होटल में हो रहे विवाह समारोह के दौरान लाउडस्पीकर की ऊंची आवाज से चिढ़ गए

Tuesday, December 26, 2017

Management: जो पीड़ित चेहरे पर मुस्कान लाए वह झूठ अच्छा होता है

एन. रघुरामन (मैनेजमेंट गुरु)
साभार: भास्कर समाचार
इस हफ्ते हर भारतीय शहर, मॉल और होटल में लाल और सफेद रंग छाया हुआ था, जो क्रिसमस के आगमन का अहसास करा रहा था। हम सबने युवा-वृद्ध, धनी गरीब सभी को तोहफों का अपना झोला लिए सैंटा के साथ

Sunday, December 17, 2017

लाफ्टर मैनेजमेंट: काम के दौरान हंसी-मजाक से जाहिर होता है आपका आत्मविश्वास

साभार: भास्कर समाचार
चार्ली चैप्लिनने कहा है कि जो दिन बिना हंसे बीत गया समझो वो व्यर्थ गया। हंसना जीवन के लिए जरूरी है। हंसना एक तरह से एक पल में काम से छुट्टी पर चले जाने के समान है। इसलिए आपके काम के बीच भी हंसी-

Saturday, December 9, 2017

प्रेरणा स्पर्धा की चुनौती कहीं से भी मिल सकती है

एन. रघुरामन (मैनेजमेंटगुरु)
साभार: भास्कर समाचार
प्रेरणा की कथा: गतअप्रैल में झारखंड की राजधानी रांची से 27 किलोमीटर दूर ओरमांझी ब्लॉक के दो छोटे गुमनाम से गांव आरा और कराम के 35 लोग महाराष्ट्र स्थित अण्णा हजारे के गांव रालेगण सिद्धी गए। यह

Thursday, December 7, 2017

Management: कोई मुद्दा गहराई से छूता है तो अपनी कहानी बताएं

एन. रघुरामन (मैनेजमेंटगुरु)
साभार: भास्कर समाचार
स्टोरी 1: पच्चीस साल से ज्यादा पहले वे सफल रिटेलर थे, जब स्कूल से बाहर आती उनकी छह वर्षीय बेटी रैचल को कार ने टक्कर मारकर भयावह रूप से जख्मी कर दिया। वह तीन माह तक कोमा में रही। डॉक्टरों ने