पंजाब एंव हरियाणा हाईकोर्ट के जस्टिस एन के सांघी ने एक समाचार पत्र में छपी उस खबर पर संज्ञान लिया है जिसमें खुलासा किया है कि हरियाणा के मुरथल के पास नेशनल हाईवे-1 पर सोमवार तड़के कुछ गाड़ियों को रोका गया और उनमें सवार करीब 10 महिलाओं के साथ सामूहिक बलात्कार भी किया गया। जस्टिस
सांघी ने अपने संज्ञान में कहा कि यह एक शर्मनाक घटना है और इसकी निष्पक्ष जांच होनी चाहिये। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। जस्टिस सांघी ने कहा कि अगर इस मामले में प्रशासन की तरह हाईकोर्ट में आंख बदं कर लेगा और संज्ञान नही लेगा तो यह हाईकोर्ट द्वारा अपने कर्तव्य में फेल होने जैसा होगा, इस लिए वो इस मामले की देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी से इस मामले की जांच की वकालत करते हुए रजिस्ट्रार न्यायिक को यह आदेश दे रहे कि वो उसके संज्ञान को कार्यवाहक चीफ जस्टिस भेजे ताकि इस पर जनहित याचिका के तहत सुनवाई हो सके। जस्टिस सांघी ने अपने संज्ञान में कहा कि जब उसने सुबह समाचार पत्र में यह समाचार पढ़ा तो उनको बढ़ा दुख हुआ, उससे बड़ा दुख तो अधिकारियों के रवैये पर हुआ। पुलिस ने खुंखार वारदात को अफवाह करार दिया, लेकिन चश्मदीदों के मुताबिक 10 महिलाओं का यौन शोषण कर उन्हें खेतों में छोड़ दिया गया। इससे भी खौफनाक यह कि जिला प्रशासन ने यहां भी पीड़ितों और उनके परिवारों को अपने सम्मान की खातिर रिपोर्ट दर्ज न कराने को कहा जो प्रथम दृष्ट बहुत ही घिनौना सा लग रहा है। समाचार के मुताबिक सोमवार तड़के 30 से अधिक बदमाशों ने एनसीआर की तरफ जाने वाले वाहनों को रोका, उनके वाहनों को आग लगाई गई। कई लोग जान बचाकर भागे, लेकिन अचानक हुई इस आपदा में कुछ महिलाएं नहीं भाग पाईं। उनके कपड़े फाड़ दिये गये और उनके साथ बलात्कार भी किया गया। इस खौफनाक वारदात की पीड़ित महिलाएं तब तक खेतों में पड़ी रहीं जब तक कि उनके पुरुष रिश्तेदार और जीटी रोड के गांव हसनपुर और कुराड़ के लोग कपड़े और कंबल लेकर नहीं आ गये।
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साभार: जागरण समाचार
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