Friday, December 29, 2017

कुलभूषण जाधव मामले में ICJ में उलटा पड़ सकता है पाक का दांव

साभार: जागरण समाचार 
संसद में बयान देने के दौरान विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने एक तरफ तो कुलभूषण जाधव के परिवार के साथ हुए व्यवहार को लेकर पाकिस्तान को जमकर लताड़ लगाई तो दूसरी तरफ उन्होंने इस बात के भी साफ दिए कि
जाधव को बचाने में भारत कोई कसर नहीं छोड़ने वाला। जाधव का मामला फिलहाल अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (आइसीजे) में है और संभवत: जनवरी, 2018 में ही इस पर फैसला सुनाया जाएगा। कई जानकार मानते हैं कि पाकिस्तान ने जाधव के परिवार को मिलाने का काम आइसीजे में चल रहे मामले में अपना पक्ष मजबूत करने के लिए ही किया है, लेकिन अब यह मामला उसे उलटा भी पड़ सकता है। 
स्वराज ने कहा, ‘जाधव को पाकिस्तान में दी गई फांसी की सजा के खिलाफ भारत ने आइसीजे में गुहार लगाई थी। भारत अस्थायी तौर पर फांसी की सजा रुकवाने में सफल रहा है। जाधव के जीवन पर मंडरा रहे खतरे को फिलहाल तो टाल दिया गया है और अब हम अधिक मजबूत तर्को के आधार पर उन्हें स्थायी राहत दिए जाने का प्रयास कर रहे हैं।’ विदेश मंत्रलय के अधिकारी इस बात को लेकर शक जता रहे हैं कि जिस तरह से जाधव अपनी मां से बातचीत में सामान्य हाल-चाल जानने की बजाय पाकिस्तान में अपने होने और वहां आतंकी गतिविधियों में शामिल होने की बात करने लगे थे, वह पाकिस्तान की आइसीजे को लेकर की गई साजिश थी।

मुफ्ती ने जाधव मामले में हंिदूी में किया ट्वीट: जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती इन दिनों जम्मू के लोगों का दिल जीतने में जुटी हुई हैं। कई जिलों के लोगों के साथ सीधा संपर्क करने के बाद गुरुवार को उन्होंने पहली बार कुलभूषण जाधव के मामले में निष्पक्ष सुनवाई की मांग पर हंिदूी में ट्वीट किया। इसे सैकड़ों लोगों ने पसंद किया। मुख्यमंत्री इससे पहले अंग्रेजी और उर्दू भाषा में ही ट्वीट करती थीं। लेकिन गुरुवार को उन्होंने ट्विटर पर हंिदूी में लिखा कि पाकिस्तान को कुलभूषण जाधव को मानवीय उपचार और निष्पक्ष सुनवाई देनी चाहिए। जाधव की मां और पत्नी को पाकिस्तान में मिले अनुचित व्यवहार से मैं बहुत व्याकुल हूं।

सरबजीत की पत्नी के माथे से भी हटाया गया था सिंदूर: पाकिस्तान की कोट लखपत जेल में बंद रहे सरबजीत सिंह से मिलने गई उनकी पत्नी के माथे से भी सिंदूर और बिंदी हटा दिया गया था। यह आरोप शहीद सरबजीत सिंह की बहन दलबीर कौर ने लगाया है। इतना ही नहीं दलबीर की कृपाण भी पाकिस्तान अधिकारियों ने उतरवा कर बाहर रखवा दी थी। दलबीर ने बताया कि उन्होंने सारे मामले की जानकारी उस समय भारत सरकार को दी थी, परंतु दुख है कि तत्कालीन मनमोहन सरकार इस पर चुप्पी साधे रही।