Sunday, December 24, 2017

पाक की फायरिंग में मेजर समेत 4 शहीद: BSF ने अजनाला बॉर्डर पर मार गिराया पाकिस्तानी घुसपैठिया

साभार: भास्कर समाचार
पाक बॉर्डर से लगते अजनाला में शुक्रवार रात घुसपैठ की कोशिश कर रहे पाकिस्तानी को बीएसएफ जवानों ने मार गिराया। जबकि उसके दाे साथी भाग निकले। शुक्रवार रात 11.00 बजे बीएसएफ जवानों को बीओपी बधाई
चीमा के पास हलचल महसूस हुई। उन्होंने देखा कि तीन लोग घुसपैठ की कोशिश कर रहे थे। जवानों ने ललकारा तो दो पीछे की तरफ भाग निकले, लेकिन एक अागे की तरफ बढ़ता रहा। जवानों ने फायरिंग की तो वह वहीं गिर गया। तलाशी लेने पर उसके पास से 377 रुपए पाकिस्तानी करंसी, 1 लाइटर, 5 फीट की रस्सी, चाइनीज भाषा के अखबार की खबरों वाली दो कटिंग मिलीं। उसकी उम्र 65 साल के करीब लग रही है। उसके पास मिली चाइनीज अखबार की कटिंग से लग रहा है कि वह चाइनीज भाषा जानता था। इसी इलाके में तीन दिन पहले सीमा में घुस आए तीन पाकिस्तानी पकड़े गए थे। 
पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा (एलओसी) और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर इस साल 10 दिसंबर तक 881 बार सीजफायर का उल्लंघन किया है। एलओसी के पास कुल 771 बार और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर 110 बार सीजफायर उल्लंघन किया है। इनमें सेना के 14 जवान, 12 नागरिक और चार बीएसएफ जवान सहित कुल 30 लोग मारे गए हैं। एलओसी पर पिछले साल (2016) की तुलना में पाकिस्तान ने 230 प्रतिशत ज्यादा फायरिंग की है। पिछले साल यह संख्या मात्र 228 थी। 2016 में सीजफायर उल्लंघन के 449 घटनाएं हुई थी, जिसमें 13 नागरिक और सुरक्षाबल के 13 जवान मारे गए थे। 

पाकिस्तानने जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले से लगी एलओसी पर फिर सीजफायर तोड़ा। शनिवार दोपहर हुई फायरिंग में मेजर समेत चार जवान शहीद हो गए। शहीदों में एक हरियाणा के करनाल और दो पंजाब के अमृतसर और बठिंडा जिलों के थे। सभी शहीद जवान 120 इन्फेंट्री ब्रिगेड के थे। राजौरी के केरी सेक्टर में शनिवार दोपहर करीब 12 बजे भारतीय सेना के जवान पेट्रोलिंग कर रहे थे। इसी बीच अचानक पाकिस्तान की ओर से फायरिंग शुरू कर दी गई। फायरिंग की चपेट में आने से करनाल के गांव रंबा के जवान परगट सिंह (30), अमृतसर के गांव अल्केरा के लांस नायक गुरमेल सिंह (34), बठिंडा के गांव कोरेयाना के जवान कुलदीप सिंह और महाराष्ट्र के मेजर महारकर प्रफुल्ल अम्बादास (32) शहीद हो गए। 1987 में जन्मे परगट सिंह वर्ष 2006 में सेना में भर्ती हुए थे। वह वर्ष 2012-13 में दक्षिणी सूडान में यूएन की शांति सेना का भी हिस्सा रहे। तीन भाई-बहनों में सबसे छोटे परगट सिंह का 5 साल का एक बेटा है। शहीदों के पार्थिव शरीर रविवार शाम तक उनके घर पहुंचने की उम्मीद है।