Sunday, December 24, 2017

UN ने उ. कोरिया पर लगाए प्रतिबंध, पैदा हो सकता है पेट्रोल का संकट

साभार: भास्कर समाचार
संयुक्त राष्ट्र (यूएन) सुरक्षा परिषद ने उत्तर कोरिया द्वारा 29 नवंबर को किए गए अंतरमहाद्वीप बैलिस्टिक मिसाइल परीक्षण को लेकर उस पर नए प्रतिबंध लगा दिए हैं। नए प्रतिबंधों के तहत पेट्रोलियम पदार्थों तक
उत्तर कोरिया की पहुंच और विदेश में रहने वाले उसके नागरिकों से होने वाली कमाई को सीमित कर दिया गया है। अमेरिका द्वारा पेश किए गए प्रस्ताव को 15 सदस्यीय सुरक्षा परिषद ने सर्वसम्मति से मंजूरी दी। इसके तहत उत्तर कोरिया के लिए लगभग 90 प्रतिशत रिफाइंड पेट्रोलियम उत्पादों के निर्यात पर प्रतिबंध रहेगा। इसकी सालाना अधिकतम सीमा पांच लाख बैरल तय होगी। इसके चलते उत्तर कोरिया में पेट्रोलियम उत्पादों का संकट पैदा हो सकता है। 
कच्चे तेल के निर्यात को कम कर एक साल में 40 लाख बैरल पर लाने का भी प्रस्ताव है। अगर उसने फिर परमाणु या मिलाइल परीक्षण किए इसे और कम किया जा सकता है। प्रस्ताव में 24 महीनों के भीतर विदेश में काम कर रहे उत्तर कोरियाई नागरिकों को स्वदेश भेजना शामिल है। 

कच्चे तेल के निर्यात को कम कर एक साल में 40 लाख बैरल पर लाने का भी प्रस्ताव 
रिक्रॉफ्ट मैथ्यू ने कहा- हथियार नहीं बना पाएगा उत्तर कोरिया 
यूएनमें ब्रिटेन के राजदूत मैथ्यू रिक्रॉफ्ट ने कहा कि उत्तर कोरिया अधिकांश पेट्रोलियम पदार्थों का इस्तेमाल अपने अवैध परमाणु और बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम के लिए करता है। पेट्रोलियम उत्पादों की आपूर्ति रोकने से वह अब इस तरह के हथियार नहीं बना पाएगा। यूएन महासचिव एंतोनियो गुतेरस ने सुरक्षा परिषद के इस प्रस्ताव का स्वागत किया है। 
निकी हेली ने कहा- प्रतिबंध उत्तर कोरिया को स्पष्ट संदेश: 
यूएनमें अमेरिकी राजदूत निकी हेली ने कहा कि यह प्रतिबंध उत्तर कोरिया को स्पष्ट संदेश है। अगर उसने फिर उल्लंघन किया तो उसे और सजा का सामना करना पड़ेगा। उन्होंने कहा, '29 नवंबर को अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल का परीक्षण अंतरराष्ट्रीय समुदाय को उत्तर कोरिया द्वारा दी गई अभूतपूर्व चुनौती है। इसलिए हमने भी अभूतपूर्व प्रतिक्रिया दी है.'
अमेरिकी रक्षा मंत्री बोले- कोरियाई प्रायद्वीप पर तूफानी बादल: अमेरिकाके रक्षा मंत्री जिम मैटिस ने कहा है कि कोरियाई प्रायद्वीप के ऊपर तूफानी बादल इकट्ठा हो रहे हैं। उत्तर कोरिया मामले के कूटनीतिक तरीके से हल की कोशिश के बीच उन्होंने कहा कि अमेरिकी सेना को युद्ध के लिए तैयार होकर अपने हिस्से का काम जरूर करना चाहिए। हालांकि मैटिस ने इस दौरान संघर्ष के बारे में कोई बयान नहीं दिया लेकिन कहा कि युद्ध को रोकने के लिए कूटनीतिक रास्ता ही सबसे अच्छा मौका होता है। रक्षा मंत्री जिम मैटिस 82वें एयरबॉर्न डिविजंस हॉल ऑफ हीरोज में वहां मौजूद कई दर्जन थलसेना और वायुसेना से जुड़े कर्मियों को संबोधित कर रहे थे। अमेरिका के रक्षा मंत्री जिम मैटिस ने उत्तर कोरिया को युद्ध का रास्ता छोड़कर शांति बनाए रखने की भी चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि अमेरिका शांति चाहता है वह युद्ध नहीं चाहता।