मौलिकशिक्षा निदेशक आरएस खर्ब को हाईकोर्ट की अवमानना में पांच हजार पौधे लगाने की सजा के बाद अब शिक्षा विभाग के तत्कालीन निदेशक एमएल कौशिक पर भी सजा का खतरा बढ़ गया है। एकल जज द्वारा दोषी ठहराए जाने के बाद कौशिक ने डबल बेंच में फैसले के खिलाफ अपील की थी। जस्टिस टीपीएस मान जस्टिस
रामेंद्र जैन की खंडपीठ ने एकल जज के फैसले पर रोक लगाते हुए 27 मई के लिए सुनवाई तय की है। एकल जज 9 मई को मामले में सजा सुनाएंगे। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। कैथल के सरकारी स्कूल में हेड मास्टर के तौर पर काम करने वाली बीना अग्रवाल को हाईकोर्ट के आदेशों के बावजूद प्रिंसिपल के तौर पर नियुक्ति देने के मामले में कौशिक को अदालत की अवमानना का दोषी ठहराया गया था। अवमानना याचिका दाखिल करते हुए अग्रवाल ने कहा था कि उन्होंने प्रिंसिपल के तौर पर नियुक्ति देने के लिए हाईकोर्ट से गुहार लगाई थी। हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने उनके हक में फैसला सुनाते हुए 3 माह के भीतर प्रिंसिपल के तौर पर नियुक्त करने के आदेश दिए थे। इन आदेशों के खिलाफ प्रदेश सरकार की अपील डबल बेंच और सुप्रीम कोर्ट में खारिज हो गई थी।
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साभार: भास्कर समाचार
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