Friday, May 27, 2016

संसाधनों की कमी के बावजूद प्राइवेट स्कूलों से आगे सरकारी, अध्यापकों की मेहनत का परिणाम

इस बार हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड के परीक्षा परिणामों में सरकारी स्कूलों ने प्राइवेट स्कूलों को ना केवल कड़ी टक्कर दी बल्कि पीछे छोड़ दिया है। खास बात यह भी है बिना संसाधनों के यह उपलब्धि हासिल की है। जब स्टाफ की भी कमी हो, संसाधन भी ना हों फिर भी परिणाम सुधारे तो इसे अध्यापकों की मेहनत और
अभिभावकों की जागरूकता का ही नतीजा माना जाएगा। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। इस बार सरकारी स्कूलों का 12वीं का परीक्षा परिणाम 62.23 फीसद रहा। जबकि प्राइवेट का नतीजा 62 फीसद रहा। दसवीं में भी काफी सुधार हुआ और सरकारी विद्यालय का परिणाम 42.25 फीसद जबकि प्राइवेट का 50.99 फीसद रही। इस बार हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड की 12वीं की परीक्षा में 244877 बच्चे ने परीक्षा दी जिसमें 152815 बच्चे पास हुए। जिनका पास प्रतिशत 62.40 रहा। शिक्षाविदों का दावा है कि संसाधन और स्टाफ उपलब्ध हों तो सरकारी स्कूलों के समाने प्राइवेट ठहर भी नहीं पाएंगे। इसी के चलते गाहे बगाहे सरकारें भी निजीकरण पर ही फोकस करती रही हैं। लेकिन अब सरकारी स्कूलों ने अपनी परफोरमेंस में सुधार कर सरकार के साथ-साथ अभिभावकों का भी नजरिया बदलने का काम किया है। सरकारी स्कूलों ने साबित किया है कि कम खर्च में वे प्राइवेट से बेहतर परिणाम दे सकते हैं। अनेक शिक्षाविदों और अभिभावकों का मानना है कि सरकार स्कूलों में बेहतर संसाधन और स्टाफ मुहैया करवाए तो परिणाम ओर बेहतर आएंगे।
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साभारजागरण समाचार 
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