Tuesday, May 24, 2016

JEE मेन क्वेश्चन पेपर एनालिसिस: फिजिक्स के मुश्किल पेपर की वजह से स्कोरिंग पर होगा असर

आईआईटी संस्थानों में प्रवेश के लिए रविवार को हुई जेईई एडवांस परीक्षा में इस साल प्रश्नों की संख्या पिछले वर्षों से कम थी। मैथ्स और केमिस्ट्री के पेपर में छात्रों को ज्यादा मुश्किल नहीं आई, लेकिन फिजिक्स में मुश्किल सवालों के चलते स्कोरिंग कम रह सकती है और कटऑफ में कमी सकती है।
हर पेपर में 60 के बदले 54 सवाल: पिछले साल एडवांस परीक्षा में पहला पेपर 264 अंकों का था और 60 प्रश्न
पूछे गए थे। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। दूसरे पेपर में भी 60 सवाल थे और कुल अंक 240 थे। इस बार दोनों पेपर में 54-54 प्रश्न ही पूछे गए। हरेक पेपर में 186 अंकों की परीक्षा हुई। पिछले साल की तरह इस बार भी कई सवालों में एक से ज्यादा ऑप्शन सही थे। पहला पेपर आसान था, जबकि दूसरा पेपर अपेक्षाकृत मुश्किल था। पहले पेपर के मल्टीपल चॉइस वाले प्रश्नों की मार्किंग स्कीम में मामूली बदलाव किया गया, जिससे परीक्षार्थियों को सहूलियत हुई। 
फिजिक्स में मुश्किल पेपर से स्कोरिंग पर असर: फिजिक्स के दूसरे पेपर में छात्रों को मुश्किलें आईं। इसके न्यूमेरिकल से संबंधित सवाल मुश्किल थे और इन्हें हल करने में छात्रों को समय भी ज्यादा देना पड़ा। हालांकि, पहला पेपर अपेक्षाकृत आसान था। फिजिक्स के कुल 62 प्रश्नों में 37 आसानी से हल होने वाले थे। 17 सवाल थोड़े मुश्किल थे, जबकि 8 बेहद मुश्किल थे। 
केमिस्ट्री में सबसे ज्यादा स्कोरिंग की उम्मीद: तीनों सेक्शन में केमिस्ट्री सबसे आसान था और छात्रों को सबसे ज्यादा स्कोरिंग की उम्मीद भी इसी में है। केमिस्ट्री में पूछे गए कुल 62 प्रश्नों में 15 ऐसे थे जो आसान कैटेगरी में थे। 31 थोड़े मुश्किल और 16 ज्यादा मुश्किल थे। दूसरे पेपर में फिजिकल और ऑर्गेनिक केमिस्ट्री के सवाल हल करने में छात्रों को दिक्कतें आईं, लेकिन इन-ऑर्गेनिक के आसान सवालों से वे बेहतर स्कोरिंग की उम्मीद कर रहे हैं। 
प्रश्नों की कम संख्या को छोड़ दें तो मैथ्स का पेपर पिछले वर्षों जैसा ही था। पहला पेपर दूसरे की तुलना में थोड़ा मुश्किल था। पूछे गए 62 प्रश्नों में 17 एकदम आसान थे। 27 सवाल ऐसे थे जिन्हें हल करने में छात्रों को थोड़ी मुश्किल आई, जबकि 18 बेहद मुश्किल सवाल पूछे गए थे। कैलकुलेशन वाले सवाल मुश्किल और ज्यादा समय लेने वाले थे, लेकिन फिजिक्स जितने नहीं। छात्र इसमें एवरेज स्कोरिंग की उम्मीद कर रहे हैं। 
मैथ्स में कोई खास बदलाव नहीं: प्रश्नों की कम संख्या को छोड़ दें तो मैथ्स का पेपर पिछले वर्षों जैसा ही था। पहला पेपर दूसरे की तुलना में थोड़ा मुश्किल था। पूछे गए 62 प्रश्नों में 17 एकदम आसान थे। 27 सवाल ऐसे थे जिन्हें हल करने में छात्रों को थोड़ी मुश्किल आई, जबकि 18 बेहद मुश्किल सवाल पूछे गए थे। कैलकुलेशन वाले सवाल मुश्किल और ज्यादा समय लेने वाले थे, लेकिन फिजिक्स जितने नहीं। छात्र इसमें एवरेज स्कोरिंग की उम्मीद कर रहे हैं। 
एक तिहाई से ज्यादा सवाल 11वीं कक्षा के: एडवांस के दोनों पेपर को मिलाकर करीब 38 फीसदी सवाल से थे जो ग्यारहवीं कक्षा के टॉपिक्स से संबंधित थे। अलग-अलग सेक्शन के आधार पर देखें तो ग्यारहवीं कक्षा के सबसे ज्यादा प्रश्न मैथ्स में पूछे गए। मैथ्स में 48 फीसदी सवाल ग्यारहवीं के थे, जबकि फिजिक्स में 36 फीसदी और केमिस्ट्री में सबसे कम 30 फीसदी थे।
सीटें ज्यादा, कटऑफ हो सकता है कम: एक्सपर्ट्स के अनुसार एडवांस परीक्षा के सवालों का स्तर साल-दर-साल मुश्किल हो रहा है। सवाल ग्यारहवीं और बारहवीं कक्षाओं पर ही आधारित होते हैं, लेकिन भरपूर प्रैक्टिस करने वाले छात्र ही उन्हें हल कर सकते हैं। औसत छात्रों के लिए परीक्षा क्लियर करना पहले से ज्यादा मुश्किल होगा। हालांकि, इस साल कटऑफ में भी कमी सकती है। इसका सबसे बड़ा कारण सीटों की संख्या में हुआ इजाफा और एवरेज स्कोरिंग में संभावित कमी है।
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साभार: भास्कर समाचार 
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