मेडिकल की नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट (नीट) पर असमंजस की स्थिति दूर होने का नाम नहीं ले रही है। एक साल के लिए राज्य सरकार के मेडिकल कॉलेजों को नीट परीक्षा से बाहर रखने के केंद्र सरकार के अध्यादेश को ले कर सोमवार को स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने राष्ट्रपति से मुलाकात की। हालांकि इसके बावजूद
देर शाम तक इस अध्यादेश को राष्ट्रपति ने मंजूरी नहीं दी है। मंगलवार को वे चीन के चार दिन के दौरे पर रवाना हो जाएंगे। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। सोमवार दोपहर नड्डा ने राष्ट्रपति से मुलाकात कर उन्हें नीट संबंधी अध्यादेश की जरूरत समझाई। आधे घंटे से ज्यादा चली इस बैठक के दौरान उन्होंने राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों और विभिन्न दलों की ओर से जताई गई राय को सामने रखा। बताया जाता है कि प्रणब मुखर्जी इससे संतुष्ट नहीं हुए। उन्होंने कुछ और स्पष्टीकरण मांगे हैं। केंद्र सरकार की ओर से अध्यादेश भेजे कई दिन बीत जाने के बावजूद राष्ट्रपति ने इस मामले पर कोई जल्दबाजी नहीं दिखाई है।1 इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट पहले ही आदेश जारी कर चुका है कि इसी वर्ष से इसे सभी मेडिकल कॉलेजों में दाखिले के लिए लागू किया जाए। यह फैसला देने से पहले कोर्ट ने केंद्र सरकार के साथ ही परीक्षा आयोजित करने वाले केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) और मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआइ) से भी उनकी तैयारी के बारे में पूछ लिया था। तब सभी ने इस परीक्षा को इसी वर्ष से लागू करने पर सहमति जताई थी।
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साभार: जागरण समाचार
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