Friday, May 27, 2016

जाट आरक्षण पर स्टे लगने से जाट समुदाय में गुस्सा, 5 जून से फिर आंदोलन

आरक्षण पर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट द्वारा स्टे दिए जाने से जाट समुदाय में फिर से गुस्सा है। इस मुद्दे पर जाट नेताओं ने सरकार पर धोखा किए जाने का आरोप लगाया। वहीं पांच जून से जाट समुदाय मांगों को लेकर फिर से आंदोलन शुरू करने जा रहा है। यह आंदोलन देश के जाट बाहुल्य 13 राज्यों में शुरू हो सकता है। हिसार
में इसकी शुरुआत मय्यड़ से होगी। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। गौरतलब है कि जाट समुदाय आरक्षण की मांग को लेकर 2010 से आंदोलन कर रहा है। गत 12 फरवरी से शुरू हुए आंदोलन के दौरान उपद्रव की घटनाएं हुई थीं। सरकार ने बाद में जाट समुदाय को आरक्षण देने का एलान किया था। इसको लेकर 28 मार्च को सरकार ने बिल भी पास कर दिया। मगर पिछले दिनों भिवानी के एक व्यक्ति द्वारा डाली गई याचिका पर हाईकोर्ट ने वीरवार को स्टे लगा दिया। जाट नेता इसे सरकार की सोची समझी साजिश बता रहे है। 
अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष यशपाल मलिक ने कहा कि सरकार ने सोची समझी साजिश की जिसके कारण ही कोर्ट ने उनके आरक्षण पर स्टे कर दिया। उन्होंने कहा कि बिल पास करने के बाद उसको संसद सत्र के दौरान केंद्र सरकार को भेजना था, ताकि वह सत्र में ही पेश हो सकता। समिति ने सरकार को राष्ट्रीय स्तर के आंकड़े भी दिए थे, लेकिन उनसे छेड़छाड़ की गई। केसी गुप्ता आयोग के आंकड़ों को आधार मानते हुए आरक्षण दिया गया। अब अदालत ने उसी पर स्टे दिया है। उन्होंने कहा कि सरकार जाटों को फांसी पर लटकाने का काम कर रही है। इसलिए पांच जून को रैली कर धरने प्रदर्शन के साथ आगे की रणनीति की भी घोषणा होगी।
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साभारजागरण समाचार 
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