Monday, May 30, 2016

लाइफ मैनेजमेंट: समाज के भविष्य का ध्यान रखकर बनिए अधिक समृद्ध

फोर लेन जहां इंदौर-मुंबई हाईवे से जुड़ती हैं, बड़वानी और धामनोद के बीच के उस 60 किलोमीटर लंबे टुकड़े पर आपको समृद्धि के संकेत साफ नज़र आएंगे। यह सदानीरा नर्मदा का आशीर्वाद है, जो पूरे 365 दिन बिना थके अनवरत बहती रहती है। निश्चित ही यह ऐसा इलाका है, जिसे नर्मदा नदी ने सदाबहार बना रखा है। आर्थिक समृद्धि के साथ यहां सोच की समृद्धि की भी मिसाल है। हरे-भरे खेतों में गन्ने की ऊंची फसल तेज हवा में नृत्य करती दिखाई देती है। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। साथ देने के लिए पपीता, गेहूं, मक्का, कपास, सोयाबीन, चना और रोज के इस्तेमाल की सब्जियां हैं, जो गन्ने का साथ देने के लिए और भी तेजी से लहराती हैं। मानो वे बड़े भाई के नृत्य पर तालियां बजा रही हों। प्रकृति-प्रेमी के लिए अद्भुत दृश्य है और इस क्षेत्र का हर व्यक्ति खुले दिल से उसकी समृद्धि में 'मां नर्मदा' का आभार मानता है। उस इलाके में शायद ही कोई हो, जो खेती से जुड़ा हो और किसान कहलाने में गर्व अनुभव करता हो। कई जगहों पर तो वे अपनी हरी उपज का प्रदर्शन करके अपना गर्व जाहिर करते हैं। विश्वास कीजिए कि यह सुंदर दृश्य आपको अपने वाहन की रफ्तार धीमी करने पर मजबूर कर देगा और कुछ जगहें ऐसी हैं कि आप थम ही जाएंगे। आपका दिल कहेगा कि प्रकृति के इस उपहार का कुछ और लुत्फ उठाइए जनाब, क्योंकि ऐसे दृश्य दुर्लभ हो चुके हैं, कम से कम हममें से अधिकतर शहरवासियों के लिए। वैसे भी हरियाली किसे आकर्षित नहीं करती, फिर चाहे आप हरियाली से भरपुर इलाके के रहवासी क्यों हों। 
इस इलाके में ज्यादातर रहवासी उच्च शिक्षित हैं और उन्होंने स्नातकोत्तर और पीएचडी की डिग्रियां ले रखी हैं। वे नफीस अंग्रेजी बोलते हैं और खेती में अच्छी तरह जमे होने के साथ उनमें आधुनिकता में घुलने-मिलने की मुकम्मल काबिलियत भी है। जमीन के साथ गहरा जुड़ाव और आधुनिकता का समझदारीभरा स्वीकार ही तो नए भारत की जरूरत है। वे कृषि से इतनी गहराई से जुड़े हैं कि खेती से जुड़े साधनों मशीनों का हर निर्माता अपनी नई मशीन प्रदर्शन के लिए यहीं लाता है ताकि उन्हें खरीदी के लिए लुभाया जा सके, क्योंकि यहां के लोग दोनों दुनिया के सर्वश्रेष्ठ से वाकिफ हैं। इलाके के सारे गांव ऐसे मकानों से सजे हुए हैं, जो हमारे देश के किसी भी अन्य गांव जैसे ही नज़र आते हैं। अपवाद सिर्फ जुड़वा-गांव हैं, जो बिल्कुल अलग हैं। 
कुवां-केरव्हा नामक इन जुड़वा गांवों में सिर्फ चीनी मिल हैं बल्कि बिजली के खंबे बनाने वाली फैक्ट्री भी है। वहां कई पॉली हाउस भी है, जिनमें हर मौसमी परिस्थिति में कोई भी फसल उगाई जा सकती है। फिर कृषि संबंधी मशीनों के व्यापारिक घराने तो हैं ही। आपको नोकिया 1110 फोन उपयोग में लाने वाले युवा किसान दिखाई देंगे, जबकि उन्हें हर दो मिनट में फोन कॉल आते हैं, लेकिन उसके पास गन्ना काटने की मशीन दुनिया की प्रसिद्ध कंपनी ब्राजील की 'न्यू हॉलैंड कैश' की है, जिसकी कीमत 1.50 करोड़ रुपए से कम नहीं होगी। यह मशीन एक मजदूर का दिनभर का काम कुछ सेकंड में कर देती है। इतनी शक्तिशाली हैं ये मशीने और गांव में ऐसी छह मशीने हैं। यह तो सिर्फ उदाहरण है। ऐसी कई प्रकार की मशीने आपको देखने को मिल जाएंगी। 
उस गांव के हर घर को आप देखेंगे तो आप को किसी कलेक्टर के बंगले जैसा अहसास होगा। एक कतार में बने इन बंगलों में चहारदीवारी के भीतर बगीचे के लिए बहुत बड़ी जगह है और बाहर भी इतनी जगह छोड़ी गई है, जो अगले 50 साल में सड़क के विस्तार के लिए काफी है। किसी घर ने सरकारी जगह पर अतिक्रमण नहीं किया है। इसके कारण वे रात को भी शांति से सो सकते हैं, फिर चाहे हाईवे से अत्यधिक ट्रैफिक क्यों गुजरता रहे। पड़ोस का गांव अंजड़, जो इससे अधिक समृद्ध हो सकता था, गरीब नज़र आता है, क्योंकि आधी रात को 12 बजे भी मेन रोड पर ट्रैफिक फंसा रहता है और वाहनों के लगातार हॉर्न बजाने से आपके कान बेजार हो सकते हैं। वजह यह है कि सड़क से लगे इस गांव के हर घर ने अतिक्रमण कर रखा है, जिसके कारण ट्रैफिक धीमा होकर जाम की स्थिति बन जाती है। नया बायपास रोड बना तो अतिक्रमण के कारण उसकी भी वही हालत हो गई। यह मानसिकता का सवाल है। दूसरों को परशानी में डालकर समृद्धि भले मिल जाए, सुख-शांति मिलना कठिन ही होता है। 
फंडा यह है कि धनी बनना आसान होता है, लेकिन व्यक्ति जमीन से जुड़ा हो और जिस समाज में वह रह रहा है, उसके भविष्य के बारे में सोच रखकर अधिक समृद्ध बन सकता है। 
Post published at www.nareshjangra.blogspot.com
साभार: भास्कर समाचार 
For getting Job-alerts and Education News, join our Facebook Group “EMPLOYMENT BULLETIN” by clicking HERE. Please like our Facebook Page HARSAMACHAR for other important updates from each and every field.