Thursday, November 29, 2018

विश्व की सबसे बड़ी 800 किलोग्राम वजनी भागवत गीता इटली में तैयार, अगले हफ्ते समुद्री रास्ते से आएगी भारत

साभार: जागरण समाचार 
श्रीमदभागवत गीता को लेकर कई रिकॉर्ड दुनिया भर में बने हैं। एक और रिकॉर्ड इसके साथ जुड़ गया है। इस्कॉन संस्था ने विश्व की सबसे बड़ी गीता तैयार की है। इटली के मिलान शहर में बनी यह गीता अगले हफ्ते
समुद्री रास्ते से भारत लाई जा रही हैं। इस महाग्रंथ का वजन 800 किलोग्राम है और इसे बनाने में डेढ़ करोड़ रुपये की लागत आई है। 
Image result for largest geeta of world in italyकरीब ढाई साल में इसकी छपाई हुई है। 20 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिल्ली के इस्कॉन मंदिर में इसका लोकार्पण करेंगे। उनके साथ इस्कॉन दिल्ली के प्रभारी गोपाल कृष्ण गोस्वामी महाराज और कुरुक्षेत्र के प्रभारी साक्षी गोपाल दास महाराज भी होंगे। दुनिया की सबसे बड़ी और सबसे वजनी यह गीता फिलहाल दिल्ली में ही रहेंगी। अभी यह इटली में ही आकर्षण का केंद्र बनी है। कुरुक्षेत्र में बन रहे श्रीकृष्ण-अर्जुन मंदिर में वर्ष 2020 के बाद इसे स्थापित किया जा सकता है। तब तक इसे दिल्ली इस्कॉन मंदिर में ही देखा जा सकेगा।
इस्कॉन के संस्थापक स्वामी प्रभुपाद की ओर से गीता प्रचार के 50 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में यह प्रकाशित कराई गई है। संस्था से जुड़े वेदांत बुक ट्रस्ट ने इसकी छपाई की है। छपाई पर आया खर्च इस्कॉन के हर सेंटर से एकत्रित किया गया था। 11 नवंबर को इसी मिलान में प्रदर्शित किया गया था।
इस गीता में हैं 670 पृष्ठ: इस गीता में 670 पृष्ठ हैं, जिनका साइज 2.84 गुणा 2.0 मीटर है। इन्हें पलटने के लिए तीन से चार व्यक्तियों की जरूरत पड़ती हैं। यह सिंथेटिक के मजबूत कागज से तैयार की गई हैं। माना जा रहा है कि इन पर कई प्रकार की धातु लगाई गई हैं, जिनमें प्लेटिनम, सोना और चांदी मुख्य हैं। कवर को स्वर्णिम धातु से तैयार किया गया है। 
चीन से आएंगे  45 फीट के घोड़े: इस्कॉन प्रचार समिति की ओर से ज्योतिसर में श्रीकृष्ण-अर्जुन मंदिर का निर्माण करवाया जा रहा है। अभी तक इस पर 120 करोड़ रुपये ज्यादा की लागत आई है। कुरुक्षेत्र इस्कॉन के मीडिया प्रभारी निताई दास का कहना है कि बाहर का ढांचा खड़ा हो चुका है। अब इंटीरियर का काम चल रहा है।  यह मंदिर 2020 तक बनकर तैयार होगा। इसके बाद यह गीता यहां लाई जा सकती है। इसके लिए कुरुक्षेत्र इस्कॉन प्रभारी साक्षी गोपालदास ने अभी से प्रयास शुरु कर दिए हैं। श्रीकृष्ण-अर्जुन मंदिर का निर्माण एक रथ की भांति किया जा रहा है। इसके आगे चार घोड़े खड़े किए जाएंगे और रथरुपी मंदिर को खींचते नजर आएंगे। 45-45 फीट के यह घोड़े चीन में बनवाए जा रहे हैं।