साभार: जागरण समाचार
बच्चों के साथ होने वाले दुष्कर्म को लेकर जागरुकता फैलाने के लिए बनाई गई शॉर्ट फिल्म "उड़ने दो" का ट्रेलर जारी कर दिया गया। इस फिल्म में अभिनेत्री रेवती की अहम भूमिका है।
इस मौके पर फिल्म अभिनेत्री रेवती ने
पत्रकारों से हुई बातचीत के दौरान बताया कि वह खुद एक 5 वर्ष की बेटी की मां है और कई बार उन्हें दुष्कर्म को लेकर कई सारी बातें बताने के पहले संकोच होता है। ऐसे में वे खुद असमंजस में पड़ जाती है कि किस प्रकार उनकी बच्ची को अच्छे और बुरे स्पर्श के बारे में समझाएं।
इस मौके पर रेवती ने यह भी कहा कि उन्हें समझ में आया कि हम बचपन से ही बच्चे के मन में भय पैद कर देते हैं। उनसे अगर कोई चीज टूट जाती है, या कुछ हो जाता तो हम उन्हें डांटने लगते हैं। जिसके चलते उनके मन में भय पैदा हो जाता है और उस बात के बारे में बात करने से वे कतराने लगते हैं। जबकि हमें ऐसा ना करते हुए उनके साथ हो रहे गलत काम और उनके साथ हो रही गलती को बताने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए। ताकि उनको समझ में आए कि उनके साथ गलत हो रहा है और उन्हें इस बारे में आवाज उठानी चाहिए।
वहीं इस मौके पर इस फिल्म की निर्माता उषा काकडे ने कहा कि इस फिल्म को बनाने का मुख्य ध्येय भी यही है कि इस फिल्म के माध्यम से उन सभी बच्चों को अच्छे और बुरे स्पर्श से अवगत कराया जाए। ताकि जो बच्चे इसका शिकार हो रहे हैं, उन्हें इस बात की जानकारी हो सके और जो ऐसा कर रहे हैं, उन्हें पकड़ कर कड़ी सजा दी जा सके। इस मौके पर उषा काकडे ने यह भी कहा कि उन्होंने अब तक यह फिल्म एक लाख से ज्यादा बच्चों को दिखाई है और कई बच्चे फिल्म देखकर रोने लग जाते थे, क्योंकि उनके साथ भी कहीं ना कहीं ऐसा होता रहा है और उसके बाद उन्होंने मुजरिम को पकड़वाने में भी पूरी कोशिश की।
उषा काकडे ने यह भी कहा कि यह बहुत ही व्यापक कार्य है और वह तब तक इससे जूझती रहेंगी, जब तक कि वह उनके लक्ष्य को प्राप्त ना कर ले। इस मौके पर फिल्म अभिनेत्री लारा दत्ता, जरीन खान, प्रसिद्ध फैशन डिजाइनर मनीष मल्होत्रा, अमृता फडणवीस और पंकजा मुंडे भी उपस्थित थी। उन्होंने भी इस आंदोलन का समर्थन करते हुए माता-पिता से उनके बच्चों पर और उनके बदलते हाव-भाव पर ध्यान देने की बात कही।
बच्चों के साथ होने वाले दुष्कर्म को लेकर जागरुकता फैलाने के लिए बनाई गई शॉर्ट फिल्म "उड़ने दो" का ट्रेलर जारी कर दिया गया। इस फिल्म में अभिनेत्री रेवती की अहम भूमिका है।
इस मौके पर फिल्म अभिनेत्री रेवती ने
पत्रकारों से हुई बातचीत के दौरान बताया कि वह खुद एक 5 वर्ष की बेटी की मां है और कई बार उन्हें दुष्कर्म को लेकर कई सारी बातें बताने के पहले संकोच होता है। ऐसे में वे खुद असमंजस में पड़ जाती है कि किस प्रकार उनकी बच्ची को अच्छे और बुरे स्पर्श के बारे में समझाएं।
इस मौके पर रेवती ने यह भी कहा कि उन्हें समझ में आया कि हम बचपन से ही बच्चे के मन में भय पैद कर देते हैं। उनसे अगर कोई चीज टूट जाती है, या कुछ हो जाता तो हम उन्हें डांटने लगते हैं। जिसके चलते उनके मन में भय पैदा हो जाता है और उस बात के बारे में बात करने से वे कतराने लगते हैं। जबकि हमें ऐसा ना करते हुए उनके साथ हो रहे गलत काम और उनके साथ हो रही गलती को बताने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए। ताकि उनको समझ में आए कि उनके साथ गलत हो रहा है और उन्हें इस बारे में आवाज उठानी चाहिए।
वहीं इस मौके पर इस फिल्म की निर्माता उषा काकडे ने कहा कि इस फिल्म को बनाने का मुख्य ध्येय भी यही है कि इस फिल्म के माध्यम से उन सभी बच्चों को अच्छे और बुरे स्पर्श से अवगत कराया जाए। ताकि जो बच्चे इसका शिकार हो रहे हैं, उन्हें इस बात की जानकारी हो सके और जो ऐसा कर रहे हैं, उन्हें पकड़ कर कड़ी सजा दी जा सके। इस मौके पर उषा काकडे ने यह भी कहा कि उन्होंने अब तक यह फिल्म एक लाख से ज्यादा बच्चों को दिखाई है और कई बच्चे फिल्म देखकर रोने लग जाते थे, क्योंकि उनके साथ भी कहीं ना कहीं ऐसा होता रहा है और उसके बाद उन्होंने मुजरिम को पकड़वाने में भी पूरी कोशिश की।
उषा काकडे ने यह भी कहा कि यह बहुत ही व्यापक कार्य है और वह तब तक इससे जूझती रहेंगी, जब तक कि वह उनके लक्ष्य को प्राप्त ना कर ले। इस मौके पर फिल्म अभिनेत्री लारा दत्ता, जरीन खान, प्रसिद्ध फैशन डिजाइनर मनीष मल्होत्रा, अमृता फडणवीस और पंकजा मुंडे भी उपस्थित थी। उन्होंने भी इस आंदोलन का समर्थन करते हुए माता-पिता से उनके बच्चों पर और उनके बदलते हाव-भाव पर ध्यान देने की बात कही।