साभार: जागरण समाचार
हरियाणा में चुनाव का बिगुल बज गया है। राज्य में पांच नगर निगमों अौर दो नगरपालिओं के चुनाव होंगे। इसके लिए मतदान 16 दिसंबर को होगा। नगर निगम चुनाव यमुनानगर, करनाल, पानीपत, रोहतक व हिसार
में हाेंगे। इसके साथ की जाखल मंडी और पुंडरी नगरपालिकों के लिए भी चुनाव भी होंगे। ग राज्य चुनाव आयुक्त डॉ. दलीप सिंह ने चुनाव की तारीख का बृहस्पतिवार को एेलान किया।
राज्य चुनाव आयुक्त ने यहां पत्रकारों से बातवीत में चुनाव कार्यक्रम का एेलान किया। इसेके साथ ही राज्य में चुनाव आचार संहिता लागू हो गई है। राज्य चुनाव आयुक्त ने बताया कि इन चुनावों के लिए अधिसूचना 24 नवंबर को जारी की जाएगी। चुनावों के लिए नामांकन की प्रक्रिया 1 दिसंबर को शुरू हाेगी और 6 दिसंबर तक चलेगी। नामांकन पत्रों की जांच 7 दिसंबर को हाेगी। नामांकन पत्र 8 दिसंबर तक लिए जा सकते हैं।
राज्य चुनाव आयुक्त ने बताया कि प्रत्याश्ाियों को चुनाव निशान का आवंटन 8 दिसंबर को किया जाएगा। उन्होंने बताया कि मतदान 16 दिसंबर को होगा। यदि आवश्यक हुआ तो पुनर्मतदान 18 दिसंबर को होगा। मतों की गणना 19 दिसंबर को होगी और उसी दिन नतीजे की घोषणा कर दी जाएगी।
चुनाव आचार संहिता लगने के बाद राज्य सरकार प्रदेश स्तर पर किसी तरह की ऐसी घोषणा नहीं कर सकेगी। पहले से चल रही विकास योजनाओं पर किसी तरह की रोक नहीं होगी। बताया जाता है कि राज्य चुनाव आयोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हरियाणा दौरे के संपन्न होने का इंतजार कर रहा था।
राज्य में 10 नगर निगम हैैं, लेकिन पंचकूला और अंबाला नगर निगमों को भंग करने के खिलाफ हाईकोर्ट में केस चल रहे हैैं। नतीजतन इन दोनों निगमों में अभी चुनाव नहीं कराए जाएंगे। सोनीपत नगर निगम से कुछ गांव बाहर निकाले गए हैैं। वहां वार्डबंदी का काम नए सिरे से चल रहा है। इसलिए राज्य चुनाव आयोग ने यमुनानगर, करनाल, पानीपत, रोहतक और हिसार नगर निगमों में ही चुनाव कराने की घोषणा की है। सोनीपत को छोड़कर इन सातों नगर निगमों में कार्यकाल जून माह में पूरा हो चुका है। तब से यह नगर निगम प्रशासकों के हवाले हैं। सोनीपत में अगले साल अक्टूबर तक ही चुनाव संभव हैैं।
भजनलाल सरकार ने सबसे पहले फरीदाबाद नगर परिषद को नगर निगम का दर्जा दिया गया था। इसके बाद भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने गुरुग्राम को नगर निगम बनाया। उन्होंने अपने दूसरे कार्यकाल में एक साथ सात शहरों हिसार, रोहतक, पानीपत, करनाल, यमुनानगर, अंबाला व पंचकूला को नगर निगम का दर्जा दिया। मौजूदा सरकार ने सोनीपत नगर परिषद को अपग्रेड कर निगम बनाया तो साथ ही पंचकूला व अंबाला नगर निगमों को भंग कर दोबारा नगर परिषद बना दी।