साभार: जागरण समाचार
दिल्ली एक बार फिर किसानों के धरना प्रदर्शन को देखने के लिए तैयार हो गई है। इस बार भी हजारों की तादाद में किसान विभिन्न वाहनों से दिल्ली की तरफ कूच कर रहे हैं। इस बार ऐसा पहली बार हो रहा है कि 201
किसान संगठन पहली बार एक साथ आए हैं। पिछली बार की ही तरह इस बार भी इसकी वजह दिल्ली एनसीआर में जाम की स्थिति से यहां के लोगों को दो-चार होना ही होगा। लिहाजा पुलिस का पूरा बंदोबस्त दिल्ली के सभी बोर्डर पर है। किसान मुक्ति मार्च व किसानों के संसद घेराव में बंगाल, बिहार, उत्तर प्रदेश, केरल, राजस्थान, मध्य प्रदेश हरियाणा समेत अलग-अलग राज्यों से किसान पहुंच रहे है। रामलीला में जुटने वाले सभी किसान अखिल भारतीय किसान संघर्ष समिति के बैनर तले इक्ट्ठा हुए हैं, जबकि किसानों के इस मार्च की अगुवाई योगेंद्र यादव कर रहे हैं।
29 नवंबर को किसान मुक्ति मार्च के बाद रामलीला मैदान में ही रात को रुकेंगे। वहीं, किसानों के लिए सांस्कृतिक संख्या का आयोजन किया जाएगा। राजधानी दिल्ली में गुरुवार को किसान मुक्ति मार्च और 30 नवंबर को संसद घेराव कार्यक्रम को देखते हुए पुलिस ने कमर कस ली है। दिल्ली में किसानों का गुरुवार को जहां महिपालपुर से रामलीला ग्राउंड पहुंचने का कार्यक्रम है, वहीं शुक्रवार को रामलीला ग्राउंड से संसद कूच करने का कार्यक्रम है। इसे देखते हुए जहां कानून व्यवस्था के मद्देनजर दस अतिरिक्त कंपनी पुलिस बल की व्यवस्था की गई है, वहीं ट्रैफिक के अतिरिक्त जवानों को भी महत्वपूर्ण मार्गों पर तैनात किया गया है।
दिल्ली में स्थिति खराब न हो सके इसके लिए पुलिस उन्हें बॉर्डर पर ही रोक लेगी। उन्हें ट्रैक्टर-ट्रॉली लेकर दिल्ली में घुसने नहीं दिया जाएगा। इसकी एक वजह ये भी है कि कोर्ट के आदेश के चलते दिल्ली में ट्रैक्टर-ट्रॉली पर रोक है। किसान मुक्ति मार्च के मद्देजनर जिन मार्गों से बचने की सलाह दी गई है, उनमें महिपालपुर, धौलाकुआं, 11 मूर्ति, ताल कटोरा, कनॉट प्लेस, रंजीत सिंह फ्लाइओवर व आसपास के मार्ग शामिल हैं।
ये है एडवाइजरी सुरक्षा व कानून व्यवस्था के बाबत दिल्ली पुलिस ने एडवाइजरी जारी की है। पुलिस की ओर कहा गया है कि किसान रामलीला मैदान आ सकते हैं, लेकिन यहां से आगे नहीं जाने दिया जाएगा। अखिल भारतीय किसान संघर्ष समिति के आह्वान पर देशभर के 200 से ज्यादा किसान मजदूर संगठन दो दिनों तक दिल्ली में जुट रहे हैं।एडवाइजरी में एक बात और कही गई है कि जंतर-मंतर पर एक हजार से ज्यादा लोगों का जमा होना प्रतिबंधित है, ऐसे में अगर किसानों की संख्या इससे ज्यादा जाती है तो उन्हें रामलीला मैदान में धरना-प्रदर्शन करना होगा।