साभार: जागरण समाचार
देश की अर्थव्यवस्था को गैस आधारित बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने ऐलान किया है कि अगले तीन वर्षो के भीतर देश के 400 जिलों में पाइपलाइन के जरिए गैस वितरित करने की
व्यवस्था तैयार हो जाएगी। data:image/s3,"s3://crabby-images/2f4f0/2f4f0d3ea92263ea2b6b20c5bac13db71ab9e8f9" alt="पà¥à¤à¤® मà¥à¤¦à¥ बà¥à¤²à¥, à¤
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हालांकि उन्होंने इसके लिए तथ्यपरक आंकड़े भी पेश किये। मोदी ने बताया कि वर्ष 1955 से वर्ष 2014 के बीच देश मे 14 करोड़ एलपीजी कनेक्शन दिए गए थे लेकिन सिर्फ पिछले चार वर्षो में 12 करोड़ एलपीजी कनेक्शन दिए गए हैं। इनमें उज्जवला योजना के तहत दिए गए 6 करोड़ गैस कनेक्शन भी शामिल हैं जो बगैर किसी राशि के गरीब व ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं को दिए गए हैं। इसकी वजह से घरेलू गैस कनेक्शन लेने वाले आवासों की संख्या 55 फीसद से बढ़ कर 90 फीसद हो गई है।
इसी तरह से पाइपलाइन से घरेलू गैस लेने वाले घरों की संख्या भी इस दौरान 33 लाख से बढ़ कर दो करोड़ हो गई है। यह संख्या अब और तेजी से बढ़ेगी क्योंकि अब सरकार की नजर सिटी गैस वितरण योजना पर है। अभी 66 जिलों में सिटी गैस वितरण योजना के तहत साफ सुथरी इंधन देने की व्यवस्था है जो दो से तीन वर्षो में 400 जिलों में हो जाएगी। गैस इंधन भरने वाले स्टेशनों की संख्या 1470 से बढ़ कर 10 हजार हो जाएगी।
मोदी ने सरकार की इस मंशा को व्यक्त किया जब देश आजादी की 75वीं वर्षगांठ मनाएगी, तब देश की अर्थव्यवस्था काफी हद तक गैस आधारित हो जाएगी। गैस आपूर्ति बढ़ाने के लिए सरकार विदेशों से ज्यादा एलएनजी आयात कर रही है। देश में दो नए एलएनटी टर्मिनल उड़ीसा और तमिलनाडु में अपने अंतिम चरण में है। इससे देश में गैस की खपत में वर्ष 2030 तक ढाई गुना बढ़ोतरी हो जाएगी।