साभार: जागरण समाचार
अगर आपके पास दुनिया के चुनिंदा विश्वविद्यालयों की पीएचडी की डिग्री है तो आप देश में सीधे असिस्टेंट प्रोफेसर की नौकरी पाने के पात्र हैं। आपके लिए संबंधित विषय में मास्टर की डिग्री में न्यूनतम 55 फीसद अंक
की बाध्यता भी नहीं होगी। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) द्वारा तैयार नवीन नियुक्ति मानकों में ऐसा प्रावधान किया गया है।
साक्षात्कार के आधार पर होगी पीएचडी धारकों की नियुक्ति
यूजीसी के एक अधिकारी ने बताया कि निर्धारित रैंकिंग प्रणाली के मुताबिक दुनिया के अव्वल 500 विश्वविद्यालयों की पीएचडी की डिग्री को असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर सीधी भर्ती के लिए पात्र करार दिया गया है। कला, वाणिज्य, मानविकी, शिक्षा, विधि, समाज विज्ञान, विज्ञान, भाषा, पुस्तकालय विज्ञान, शारीरिक शिक्षा और पत्रकारिता एवं जनसंचार विषयों में अंतरराष्ट्रीय पीएचडी धारक इसके दायरे में आएंगे।
भारतीय विश्वविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसर रखे जाएंगे
इससे पहले, असिस्टेंट प्रोफेसर पद पर सीधी भर्ती के लिए भारतीय विश्वविद्यालयों से संबंधित विषय में न्यूनतम 55 फीसदी अंक के साथ मास्टर की डिग्री या मान्यता प्राप्त विदेशी विश्वविद्यालयों से समान डिग्री जरूरी थी। इसके साथ ही अभ्यर्थियों के लिए यूजीसी या सीएसआइआर द्वारा संचालित राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (नेट) या यूजीसी द्वारा मान्यताप्राप्त एसएलईटी, एसईटी जैसी परीक्षा पास करना भी आवश्यक था।
अब नए मानकों के मुताबिक संबंधित विषय में न्यूनतम अंकों के साथ मास्टर डिग्री के साथ ही भारतीय विश्वविद्यालयों से पीएचडी करने वाले अभ्यर्थी भी सीधी भर्ती के पात्र हैं, लेकिन, अंतरराष्ट्रीय पीएचडी धारकों के लिए मास्टर डिग्री में न्यूनतम अंक की बाध्यता को खत्म कर दिया गया है।
अधिकारी ने बताया कि अब सीधी भर्ती की योग्यता रखने वाले अभ्यर्थियों को लिखित परीक्षा नहीं देनी होगी, उनकी नियुक्ति साक्षात्कार के आधार पर होगी।