साभार: जागरण समाचार
डाइट थियोरी के अनुसार हम जब खाना खाते हैं तब हमारे खून में एक खास तरह की मैटाबोलिक प्रतिक्रिया होती है। ऐसा हमारे खाए भोजन में मौजूद प्रोटीन और विभिन्न ब्लड ग्रुप में मौजूद ऐंटीजन में परस्पर
प्रतिक्रिया होने से होता है।
गौरतलब है कि हर ब्लड ग्रुप का अपना एक ऐंटीजन तैयार होता है। खराब भोजन करने पर ऐंटीजन में जबरदस्त प्रतिक्रिया होती है और यदि हम ब्लड ग्रुप के हिसाब से अपना डाइट चार्ट तैयार करें तो लाभदायक होता है। यह डाइट हमें वजन घटाने में भी मदद कर सकती है। क्या आप जानते हैं कि अगर अपने ब्लड ग्रुप के मुताबिक भोजन का चुनाव करें तो आप ताउम्र रोगमुक्त रह सकते हैं? जी हां जानिए ब्लड ग्रुप डाइट क्या है और उसके फायदों के बारे में।
क्यों लें ब्लड ग्रुप डाइट
एक शोध के अनुसार सभी तरह के व्यंजनों में लेक्टिंस नामक प्रोटीन होते हैं जो हर तरह के भोजन में पाया जाता है। उनके अनुसार, अलग-अलग ब्लड ग्रुप के लोगों का खून भोजन वाले इन प्रोटीन के प्रति अलग तरह से रिएक्ट करता है। जिसका सीधा असर हमारी सेहत पर होता है। लेकिन अब सवाल यह उठता है कि यह काम तो पर्सनलाइज्ड डाईट चार्ट या रूटीन भी कर ही सकता है, फिर भला ब्लड ग्रुप डाइट ही क्यों? दरअसल हर इंसान की पाचन और रोग प्रतिरोधक क्षमता उस के ब्लड ग्रुप पर निर्भर करती है।
एक शोध के अनुसार सभी तरह के व्यंजनों में लेक्टिंस नामक प्रोटीन होते हैं जो हर तरह के भोजन में पाया जाता है। उनके अनुसार, अलग-अलग ब्लड ग्रुप के लोगों का खून भोजन वाले इन प्रोटीन के प्रति अलग तरह से रिएक्ट करता है। जिसका सीधा असर हमारी सेहत पर होता है। लेकिन अब सवाल यह उठता है कि यह काम तो पर्सनलाइज्ड डाईट चार्ट या रूटीन भी कर ही सकता है, फिर भला ब्लड ग्रुप डाइट ही क्यों? दरअसल हर इंसान की पाचन और रोग प्रतिरोधक क्षमता उस के ब्लड ग्रुप पर निर्भर करती है।
कैसे करता है रिएक्ट
लेक्टिंस चिपकने वाले प्रोटीन होते हैं। ऐसे लेक्टिंस जो ब्लड टाइप के साथ मेल नहीं खाते, शरीर की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाते हैं। भोजन से आने वाले कई लेक्टिंस हानिकारक नहीं होते हैं, लेकिन थोड़ा बहुत असर होता है। अगर ये लेक्टिंस ब्लड ग्रुप के साथ मेल नहीं खाता, तो शरीर में जलन, सूजन हो सकती है।
लेक्टिंस चिपकने वाले प्रोटीन होते हैं। ऐसे लेक्टिंस जो ब्लड टाइप के साथ मेल नहीं खाते, शरीर की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाते हैं। भोजन से आने वाले कई लेक्टिंस हानिकारक नहीं होते हैं, लेकिन थोड़ा बहुत असर होता है। अगर ये लेक्टिंस ब्लड ग्रुप के साथ मेल नहीं खाता, तो शरीर में जलन, सूजन हो सकती है।
ब्लड ग्रुप के आधार पर रोग प्रतिरोधक क्षमता
‘ओ’ ब्लड ग्रुप के लोगों में आमतौर पर एग्जिमा, एलर्जी, बुखार आदि से ज्यादा होने की आशंका होती है। वहीं ‘बी’ ब्लड ग्रुप वाले लोगों में रोगप्रतिरोधक क्षमता कम होती है। ‘एबी’ ब्लड ग्रुप वाले लोगों को छोटी-छोटी बीमारियां लगभग नहीं के बराबर होती हैं। लेकिन इस ब्लड ग्रुप के लोगों को कैंसर, ऐनीमिया या फिर दिल की बीमारी होने की आशंका अधिक होती है।
‘ओ’ ब्लड ग्रुप के लोगों में आमतौर पर एग्जिमा, एलर्जी, बुखार आदि से ज्यादा होने की आशंका होती है। वहीं ‘बी’ ब्लड ग्रुप वाले लोगों में रोगप्रतिरोधक क्षमता कम होती है। ‘एबी’ ब्लड ग्रुप वाले लोगों को छोटी-छोटी बीमारियां लगभग नहीं के बराबर होती हैं। लेकिन इस ब्लड ग्रुप के लोगों को कैंसर, ऐनीमिया या फिर दिल की बीमारी होने की आशंका अधिक होती है।
ब्लड ग्रुप के अनुसार भोजन
अगर आप अपने ब्लड ग्रुप के हिसाब से डाइट लेंगे तो हमेशा चुस्त दुरुस्त बने रहेंगे। जी हां, ब्लड ग्रुप के अनुसार भोजन का चुनाव करना आपको फिट रख सकता है। कई बार हम सोचते भी हैं कि एक विशेष चीज खाने का एक व्यक्ति के शरीर पर अच्छा प्रभाव पड़ता है और दूसरे पर बुरा। जानते हैं ऐसा क्यों होता हैं? ऐसा व्यक्ति के ब्लड ग्रुप के कारण ही होता है। लेकिन हम आपको यहां भी बता रहे हैं कि किस ब्लड ग्रुप में क्या खाना चाहिए।
अगर आप अपने ब्लड ग्रुप के हिसाब से डाइट लेंगे तो हमेशा चुस्त दुरुस्त बने रहेंगे। जी हां, ब्लड ग्रुप के अनुसार भोजन का चुनाव करना आपको फिट रख सकता है। कई बार हम सोचते भी हैं कि एक विशेष चीज खाने का एक व्यक्ति के शरीर पर अच्छा प्रभाव पड़ता है और दूसरे पर बुरा। जानते हैं ऐसा क्यों होता हैं? ऐसा व्यक्ति के ब्लड ग्रुप के कारण ही होता है। लेकिन हम आपको यहां भी बता रहे हैं कि किस ब्लड ग्रुप में क्या खाना चाहिए।
ब्लड ग्रुप 'ए'
ब्लड ग्रुप ए के लोगों का इम्यून सिस्टम बहुत संवेदनशील होता है, इसलिए कार्बोहाईड्रेट से भरपूर तथा कम फैट वाली डाइट का अनुसरण करना चाहिए। उन्हें भरपूर मात्रा में चावल, राई, पास्ता, कद्दू, मूंगफली, किशमिश, गेहूं, सोया फूड, अखरोट, मशरूम, अदरक तथा ग्रीन टी को प्राथमिकता देनी चाहिए। वजन घटाने के लिए मीट, दूध से बने उत्पाद, गेहूं को अवॉइड करें।
ब्लड ग्रुप ए के लोगों का इम्यून सिस्टम बहुत संवेदनशील होता है, इसलिए कार्बोहाईड्रेट से भरपूर तथा कम फैट वाली डाइट का अनुसरण करना चाहिए। उन्हें भरपूर मात्रा में चावल, राई, पास्ता, कद्दू, मूंगफली, किशमिश, गेहूं, सोया फूड, अखरोट, मशरूम, अदरक तथा ग्रीन टी को प्राथमिकता देनी चाहिए। वजन घटाने के लिए मीट, दूध से बने उत्पाद, गेहूं को अवॉइड करें।
ब्लड ग्रुप 'बी'
ब्लड ग्रुप बी वाले लोग विभिन्न तरह का भोजन ले सकते हैं। इनमें अनेक प्रकार का मांस, सब्जियां, अनाज शामिल हैं। ऐसा माना जाता है कि ब्लड ग्रुप बी के लोगों को अनेक प्रकार का भोजन सूट करता है। लेकिन संयमित रूप से लें। अगर दिन में मीट लिया है तो शाम में वेजीटेबल आदि खाएं। हालांकि पैकेट बंद खाद्य पदार्थ, गोभी मक्का, मूंगफली, मसूर, तिल आदि को नजरअंदाज करें।
ब्लड ग्रुप बी वाले लोग विभिन्न तरह का भोजन ले सकते हैं। इनमें अनेक प्रकार का मांस, सब्जियां, अनाज शामिल हैं। ऐसा माना जाता है कि ब्लड ग्रुप बी के लोगों को अनेक प्रकार का भोजन सूट करता है। लेकिन संयमित रूप से लें। अगर दिन में मीट लिया है तो शाम में वेजीटेबल आदि खाएं। हालांकि पैकेट बंद खाद्य पदार्थ, गोभी मक्का, मूंगफली, मसूर, तिल आदि को नजरअंदाज करें।
ब्लड ग्रुप 'एबी'
इस ब्लड ग्रुप के लोगों को मांस-मछली, सब्जियां, कार्बोहाइड्रेट्स, दूध, दही व दूध से बने पदार्थ और अनाज सूट करते हैं। यानी अधिक से अधिक प्रोटीन लेना चाहिए। इस तरह का भोजन खाने से वे ज्यादा हेल्थी रह सकते हैं। इस ग्रुप के लोग मिश्रित आहर ले सकते हैं लेकिन फिर भी रेड मीट, मक्का आदि को नजरअंदाज करना चाहिए।
इस ब्लड ग्रुप के लोगों को मांस-मछली, सब्जियां, कार्बोहाइड्रेट्स, दूध, दही व दूध से बने पदार्थ और अनाज सूट करते हैं। यानी अधिक से अधिक प्रोटीन लेना चाहिए। इस तरह का भोजन खाने से वे ज्यादा हेल्थी रह सकते हैं। इस ग्रुप के लोग मिश्रित आहर ले सकते हैं लेकिन फिर भी रेड मीट, मक्का आदि को नजरअंदाज करना चाहिए।
ब्लड ग्रुप 'ओ'
ओ ब्लड ग्रुप समूह के लोगों को उच्च प्रोटीन वाले खाद्य पदार्थ और मीट, अंडे, मछली आदि से भरपूर डाइट का सेवन करना चाहिए। अपने खाने में अनाज और बीन्स के साथ ही फलियों की मात्रा को संतुलित रखें।
(नोट- इस पर अमल करने से पूर्व डॉक्टर से परामर्श जरूर कर लें)
ओ ब्लड ग्रुप समूह के लोगों को उच्च प्रोटीन वाले खाद्य पदार्थ और मीट, अंडे, मछली आदि से भरपूर डाइट का सेवन करना चाहिए। अपने खाने में अनाज और बीन्स के साथ ही फलियों की मात्रा को संतुलित रखें।
(नोट- इस पर अमल करने से पूर्व डॉक्टर से परामर्श जरूर कर लें)