साभार: जागरण समाचार
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का समर्थन मिलने के बाद सऊदी अरब का रुख बदल गया है। उसने पत्रकार जमाल खशोगी की हत्या में क्राउन प्रिंस मुहम्मद बिन सलमान का नाम घसीटे जाने पर चेतावनी दी है। सऊदी
के विदेश मंत्री आदेल अल-जुबेर ने बुधवार को कहा कि खशोगी की हत्या के लिए क्राउन प्रिंस को जिम्मेदार ठहराने की मांग को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। गत दो अक्टूबर को तुर्की के इस्तांबुल शहर में स्थित सऊदी के वाणिज्य दूतावास में खशोगी की हत्या कर दी गई थी।
सीआइए की हालिया रिपोर्ट से जाहिर हुआ था कि क्राउन प्रिंस ने ही हत्या का आदेश दिया था। खशोगी क्राउन प्रिंस के मुखर आलोचक थे। इस रिपोर्ट के बावजूद ट्रंप ने तेल के दाम कम करने पर सऊदी की तारीफ की थी और मजबूत साझीदारी बनाए रखने का वादा किया था।
विदेश मंत्री जुबेर ने बीबीसी से कहा, 'किंग सलमान और क्राउन प्रिंस सऊदी के हर नागरिक का प्रतिनिधित्व करते हैं और हर सऊदी नागरिक उनका प्रतिनिधित्व करता है। हम ऐसी किसी भी चर्चा को बर्दाश्त नहीं करेंगे जिससे हमारे किंग या हमारे क्राउन प्रिंस का अपमान होता हो।'
सऊदी मूल के खशोगी अमेरिका में रहते थे और वाशिंगटन पोस्ट के लिए स्तंभ लिखते थे। वह सऊदी दूतावास में अपनी शादी के लिए कुछ दस्तावेज लेने गए थे। जहां उनकी हत्या कर दी गई थी। इसमें क्राउन प्रिंस का हाथ होने का संदेह जताया गया था। सऊदी ने शुरुआत में इन्कार करने के बाद माना था कि दूतावास में खशोगी की हत्या की गई थी। इस मामले में 21 लोगों को हिरासत में लिया गया है, लेकिन इसमें क्राउन प्रिंस का कोई हाथ नहीं है।
डेनमार्क ने हथियार निर्यात पर लगाई रोक: डेनमार्क ने खशोगी हत्याकांड को लेकर बड़ा कदम उठाया है। विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि सऊदी अरब को हथियारों और सैन्य साजो-सामान के निर्यात की मंजूरी को निलंबित कर दिया गया है।
जर्मनी भी उठा चुका है कदम: खशोगी हत्याकांड को लेकर जर्मनी ने भी कदम उठाए हैं। उसने भविष्य में हथियारों के निर्यात के लिए दिए जाने वाले लाइसेंस पर रोक लगाने के साथ ही सभी हथियारों की बिक्री भी रोक दी है।
फ्रांस भी लगाएगा प्रतिबंध: फ्रांस ने गत सोमवार को कहा था कि वह सऊदी दूतावास में खशोगी की हत्या को लेकर प्रतिबंध लगाने पर जल्द निर्णय लेगा।
ट्रंप की पार्टी में उभरे मतभेद: सऊदी पर ट्रंप के नरम रुख के चलते अमेरिका की विदेश नीति को लेकर उनकी रिपब्लिकन पार्टी में मतभेद उभर आए हैं। ट्रंप के कुछ सहयोगियों ने भी आगाह किया है कि खशोगी हत्याकांड में सऊदी को दंडित नहीं किए जाने के खतरनाक नतीजे सामने आ सकते हैं। कई सांसदों ने ट्रंप से सऊदी पर सख्त कदम उठाने की मांग की है। रिपब्लिकन सांसद और सीनेट की विदेश मामलों की समिति के अध्यक्ष बॉब कॉर्कर ने बुधवार को कहा था कि वह ट्रंप के बयान से हैरान हैं।