Sunday, December 3, 2017

अपनी भावनाओं को नियंत्रित करने वाले ज्यादा पहुंचते हैं शीर्ष पदों पर

साभार: भास्कर समाचार
स्वयं को संभालने के लिए अपने दिमाग का इस्तेमाल कीजिए और दूसरों को संभालने के दिल का इस्तेमाल कीजिए। यानी खुद शांत रहिए और और दूसरों को शांत बनाए रखिए। बहुत दबाव में आने से बचिए। सफल होने का सबसे अच्छा तरीका यही है। दरअसल जीवन में और काम में आपका प्रदर्शन बहुत कुछ इस बात पर निर्भर करता है कि दबाव के समय आप अपनी भावनाओं को किस तरह नियंत्रित करते हैं। एक रिसर्च में पता चला है कि शीर्ष पदों पर पहुंचने वाले 90% लोग अपनी भावनाओं को नियंत्रित करने में माहिर होते हैं। खासतौर पर दबाव के समय। इसलिए यह भी कहा जाता है कि किसी के असली चरित्र के बारे में जानना हो तो यह पता कीजिए कि दबाव में उसने कैसा काम किया। कुछ मात्रा में दबाव अच्छा होता है, लेकिन एक स्तर के बाद यह मस्तिष्क को नुकसान पहुंचाने लगता है। इसलिए जब दिमाग तनाव से भरा हो तो उसे नियंत्रित करना और शांत हो जाना जरूरी है। कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी का एक शोध कहता है कि जब आप तनाव में होते हैं तो इससे मस्तिष्क में कुछ नई कोशिकाएं बनती हैं। इससे याददाश्त भी बेहतर होती है। लेकिन यही रिसर्च यह भी कहती है कि जब दबाव का स्तर जरूरत से ज्यादा बढ़ जाता है तो मस्तिष्क में नई कोशिकाएं बनने की क्षमता कम हो जाती है। कह सकते हैं कि थोड़ा दबाव आपको सतर्क बनाए रखता है। आप बेहतर काम कर पाते हैं, लेकिन अधिक दबाव सर्वश्रेष्ठ देने से दूर ले जाता है। 
तनाव से दूर होने का एक अच्छा तरीका यह है कि आप खुद से यह सवाल पूछना बंद कर दीजिए कि अगर ऐसा हुआ तो क्या होगा? प्रतिष्ठित फुटबाॅल खिलाड़ी नेमार कहते हैं कि जब आप अपने सपने काे जी रहे होते हैं, यानी मनपसंद काम कर रहे होते हैं तब आप पर कोई दबाव नहीं होता। यह सवाल आपको कई आशंकाओं से भर देते हैं। इसके स्थान पर अगर दबाव के मौके पर आप खुद को शांत रखने की कोशिश करेंगे तो बेहतर होगा। वैसे चिंता के बारे में एक कहावत है कि यह तो सिर्फ मेहमान है। उन्हें आने दीजिए और आकर चले जाने दीजिए। अपने साथ रखिए मत। शांत दिमाग दिमाग किसी भी तरह की चिंता और दबाव से निपटने का सबसे अच्छा हथियार है। इसीलिए प्लेटो ने कहा है- जो शांत और खुश है उसे इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि उसकी उम्र बढ़ रही है, लेकिन अगर स्थिति इसके उलट है यानी आप बेचैन हैं, दबाव में हैं तो जवानी भी बेकार है।