साभार: जागरण समाचार
2जी स्पेक्ट्रम मामले में सीबीआइ अदालत के फैसले ने राजनीति में भी हलचल पैदा कर दी है। इस मामले का दंश ङोल रही कांग्रेस ने जहां तत्काल अपना दामन साफ करार देते हुए भाजपा से माफी की मांग की। वहीं,
सरकार ने पलटवार में देर नहीं की। केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सुप्रीम कोर्ट की कार्रवाई की याद दिलाते हुए आगाह किया कि वे इस फैसले को ‘बेगुनाही का सुबूत और सर्टिफिकेट’ न समङों। उन्होंने कहा कि आगे की कानूनी कार्रवाई की राह खुली हुई है।
हमलावर तेवर में जेटली ने कहा, ‘2जी स्पेक्ट्रम आवंटन में भ्रष्टाचार संप्रग सरकार की तरफ से किया गया था। यह हर किसी को पता है कि वर्तमान सरकार ने नीलामी से आवंटन किया और देश को करोड़ों रुपये का फायदा हुआ। संप्रग काल में भ्रष्टाचार हुआ था। सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में की गई उच्चस्तरीय जांच में भी इस बात की पुष्टि हुई है। ऐसे में सीबीआइ कोर्ट के फैसले पर कांग्रेस को खुश होने की जरूरत नहीं है।’
जेटली ने कहा, ‘सीबीआइ कोर्ट का जो फैसला आया है, उस पर संबंधित एजेंसी नजर रखे हुए है। आगे क्या करना है वह अपने हिसाब से उसके लिए जरूरी कदम उठाएगी।’ सीबीआइ की ओर से भी स्पष्ट किया जा चुका है कि वह फैसले के खिलाफ हाई कोर्ट जाएगी। कांग्रेस पर चुटकी लेते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वर्ष 2007-08 में स्पेक्ट्रम का जो भी आवंटन किया गया था, वह बाजार की मौजूदा कीमतों के आधार पर नहीं, बल्कि वर्ष 2001 की दरों के आधार किया गया था। इतना ही नहीं, स्पेक्ट्रम का आवंटन भी नीलामी के आधार पर नहीं, बल्कि पहले आओ और पहले पाओ के आधार पर किया गया था। इससे साफ है कि इसके आवंटन में निजी हितों को साधा गया था। उन्होंने कहा कि संप्रग सरकार के इस कदम से सरकार को काफी नुकसान उठाना पड़ा था। बाद में सुप्रीम कोर्ट ने इस नीति को रद किया। इसके बाद नई पॉलिसी बनाकर स्पेक्ट्रम का आवंटन किया गया।
कांग्रेस द्वारा इस मुद्दे को राजनीतिक रंग देने की कोशिश पर उन्होंने कहा, ‘इस मामले की जांच संप्रग के कार्यकाल के दौरान ही शुरू हो गई थी। संप्रग के कार्यकाल के दौरान ही इसकी चार्जशीट भी पेश की गई थी। सच्चाई जनता के सामने है।’