साभार: भास्कर समाचार
हरियाणा के सुपर स्पेशियलिटी और 50 से ज्यादा बेड वाले अस्पतालों को केंद्र सरकार द्वारा तय स्टैंडर्ड के मुताबिक इलाज की सुविधाएं देनी होंगी। स्वास्थ्य सुविधाओं जैसे एडमिट, ऑपरेशन, जांच, एक्सरे आदि के
एवज में ली जा रही फीस की रेट लिस्ट अंग्रेजी स्थानीय भाषा में प्रदर्शित करनी होगी। अस्पतालों की मनमानी पर रोक के उद्देश्य से राज्य सरकार ने यूपीए सरकार के बनाए केंद्रीय क्लिनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट 2010 को लागू करने का फैसला किया है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की राज्य शाखा सरकार के बीच इस पर सहमति बन गई है। अब राज्यपाल प्रो. कप्तान सिंह की मंजूरी के बाद अध्यादेश के जरिए इसी सप्ताह लागू किया जा सकता है। स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने बुधवार को आईएमए प्रतिनिधियों के साथ बैठक की। विज के मुताबिक 50 बेड या इससे कम क्षमता वाले अस्पताल, नर्सिंग होम या क्लिनिकों को एक्ट से छूट रहेगी। गुड़गांव में फोर्टिस अस्पताल ने डेंगू पीड़ित बच्ची की मौत के बाद 15.59 लाख रुपए का बिल थमा दिया था। इसके बाद सरकार ने अस्पताल की जमीन लीज रद्द कर दी थी। एफआईआर भी दर्ज कराई गई है। अब सरकार ने बड़े अस्पतालों की मनमानी पर रोक के लिए इस एक्ट को लागू करने का फैसला किया है।