साभार: भास्कर समाचार
दिल्ली में वीरेंद्र देव दीक्षित के आश्रम आध्यात्मिक विश्वविद्यालय पर सीबीआई की कार्रवाई में आपत्तिजनक सामग्री बरामद होने के बाद आबूरोड और माउंट आबू में संचालित आश्रमों की शुक्रवार को स्थानीय पुलिस ने
जांच की, लेकिन बिना किसी कार्रवाई के लौट आई। पुलिस का कहना है कि उन्हें वहां कुछ भी आपत्तिजनक नहीं मिला, लेकिन जिस तरह का यह गुरुकुल बना है और जैसी तस्वीरें सामने आई हैं उसके कारण पूरा मामला कई सवालों से घिरा है। उधर, दिल्ली हाईकोर्ट के निर्देश के बावजूद शुक्रवार ही बाबा वीरेंद्र देव दीक्षित कोर्ट में आया और ही उसके बारे में कोई जानकारी कोर्ट को दी गई। इस पर एक्टिंग चीफ जस्टिस गीता मित्तल जस्टिस सी हरिशंकर की बेंच ने दिल्ली पुलिस और आश्रम के वकील को जमकर फटकार लगाई। कोर्ट ने कहा कि उनके कहने के बावजूद बाबा अन्य लोग पेश क्यों नहीं हुए? अगर बाबा सामने नहीं आए तो वारंट जारी करेंगे। कोर्ट ने विश्वविद्यालय के वकील से पूछा कि बाबा कहां हैं, वह सामने क्यों नहीं रहे? वकील ने जवाब दिया कि वह बाबा नहीं, केवल विश्वविद्यालय की तरफ से पैरवी कर रहे हैं। बाबा ने उनके वकालतनामे पर साइन नहीं किए हैं। उन्हें लगता है कि शायद बाबा कोर्ट में पेश नहीं होना चाहता।
बाबा के सभी आश्रमों पर छापेमारी के आदेश: कोर्ट ने कहा कि महिला अध्यक्ष के साथ जांच एजेंसी की टीमें दिल्ली में बाबा के सभी आश्रमों पर छापेमारी करे। कोर्ट ने छापेमारी के लिए चाइल्ड वैलफेयर कमेटी, दिल्ली पुलिस महिला कल्याण समिति के लोगों तथा कोर्ट द्वारा नियुक्त वकीलों की टीम गठित की। दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाती मालीवाल जयहिंद ने कोर्ट को बताया कि आश्रम के लोगों ने उनके छापा मारने गए अन्य लोगों के साथ बदसलूकी की।
माउंट आबू के आश्रम में मिली 65 लड़कियां, संचालिका ने किसी से भी बात नहीं करने दी: माउंट आबू के आश्रम में किसी को भी जाने की इजाजत नहीं है। गुरुकुल की संचालिका कुसुम देवी से जब कहा गया कि आश्रम में मौजूद 65 में से किसी एक छात्रा से बात करा दें तो उन्होंने साफ इनकार कर दिया। कई बार कहने के बाद उन्होंने कहा कि छात्राएं आपसे नहीं मिलना चाहती। माउंटआबू में सोलह बंगला एरिया में वीरेंद्र देव दीक्षित का गुरुकुल है। इसकी संचालिका कुसुम देवी हैं, जो नागपुर के किसी स्कूल से रिटायर हैं। इस गुरुकुल में 65 लड़कियां रहती हैं, जो नेपाल, छत्तीसगढ़, उत्तरप्रदेश जैसे राज्यों की हैं। संचालिका कुसुम देवी बताती हैं कि हम इनको भौतिक और आध्यात्मिक शिक्षा देते हैं। इन सभी के माता-पिता ने इन्हें यहां भेजा है, जिनका पत्र हमारे पास हैं। यह गुरुकुल चारों ओर से बंद हैं और अंदर जाने के लिए लोहे का एक बड़ा गेट है। इसके बाद दो और दरवाजे हैं। इन तीनों पर हमेशा अंदर से ताला लगाकर रहती हैं। वीरेंद्र दीक्षित के आबूरोड में भी आश्रम हैं। मामला सामने आने के बाद भास्कर टीम आबूरोड के तलेटी क्षेत्र में मोरथला संपर्क मार्ग पर संचालित सेंटर पर पहुंची। मुख्य गेट को बजाने पर एक व्यक्ति जिसने अपना परिचय सेवादार राजूभाई के रूप में दिया।