Sunday, December 3, 2017

भारतीय मुसलमानों ने नहीं दी आइएस को तवज्जो, 30 हजार की आतंकी फौज में सिर्फ 50 युवा ही हुए थे शामिल

साभार: जागरण समाचार 
किसी समय इराक और सीरिया के बड़े भू-भाग पर कब्जा करने वाला आइएस भारतीय मुसलमानों को लुभाने में बुरी तरह विफल रहा। आइएस के खत्म होने के कगार पर पहुंचने के बाद भारतीय एजेंसियां इसके भारत में पड़े
प्रभाव का आकलन करने में जुटी है। एजेंसियों के अनुसार, भारत से केवल 50 मुस्लिम युवा ही सीरिया और इराक जाकर इस आतंकी संगठन में शामिल हुए थे। हालांकि, भारत की तुलना में बेहद कम मुस्लिम आबादी वाले ब्रिटेन से 500 और फ्रांस से 700 मुस्लिम युवा आइएस में पहुंच गए थे। 
सुरक्षा एजेंसी से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि जब आइएस अपने चरम पर था, तो उसने लगभग 30 हजार आतंकियों की सेना तैयार कर ली थी। भारत में बड़ी संख्या में मुस्लिम आबादी को देखते हुए आइएस ने उन्हें लुभाने की भरसक कोशिश की। लेकिन भारतीय मुसलमानों ने इसे स्वीकार नहीं किया। केवल मुस्लिम 50 युवा देश छोड़कर आइएस के लिए लड़ने सीरिया और इराक गए।
इनमें भी अधिकतर केरल से थे। इसके साथ ही ऐसे 50 भारतीय मुस्लिम युवा भी आइएस में शामिल हुए, जो विदेश में रहते थे। वे विदेश से ही सीरिया पहुंचे थे। दोनों को मिलाने के बाद भी यह संख्या 100 से अधिक नहीं होती है।
सुरक्षा एजेंसियों की अहम भूमिका: भारतीय मुस्लिमों को आइएस की ओर आकर्षित होने से रोकने में सुरक्षा एजेंसियों ने भी अहम भूमिका निभाई। सोशल मीडिया के सहारे आइएस में भर्ती का अभियान चलाने वालों को बेंगलुरु और हैदराबाद से गिरफ्तार किया गया। सोशल मीडिया पर आइएस की ओर रुझान दिखाने वाले सैकड़ों युवाओं की पहचान कर उनकी और उनके परिवार वालों की काउंसलिंग की गई। साथ ही खुद को आइएस की विचारधारा से जोड़कर देखने वाले और देश में आतंकी हमले की साजिश रचने वाले दर्जनों युवाओं को गिरफ्तार भी किया गया।