साभार: जागरण समाचार
पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार ने हरियाणा व पंजाब के एडवोकेट जनरल को पत्र लिखकर उनके यहां के उन सांसदों व विधायकों की सूची मांगी है, जिनके खिलाफ हाई कोर्ट में केस चल रहे हैं। रजिस्ट्रार जनरल
द्वारा लिखे पत्र में कहा गया है कि दोनों एडवोकेट जनरल यह जानकारी जल्द हाई कोर्ट में दे। जानकारी में किस धारा के तहत, किस पुलिस स्टेशन व किस तिथि को केस दर्ज किया गया आदि का उल्लेख करना जरूरी है। हाई कोर्ट के यह निर्देश केंद्र सरकार के सुप्रीम कोर्ट में दिए गए उस बयान को जोड़कर देखे जा रहे हैं, जिसमें कहा गया था कि दागी सांसदों और विधायकों के खिलाफ लंबित आपराधिक मामलों के जल्द निपटारे के लिए सरकार 12 स्पेशल कोर्ट का गठन करेगी। सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार ने हलफनामा दायर कर बताया था कि एक साल में इनका गठन होगा। इसके लिए सरकार ने योजना तैयार कर ली है और वित्त मंत्रलय से इसकी मंजूरी भी मिल गई है। केंद्र की ओर से यह भी कहा गया कि अभी कितने सांसद और विधायकों के खिलाफ आपराधिक मुकदमे लंबित हैं, इसके आकलन के लिए और समय दिया जाए।
राजनीति का अपराधीकरण रोकने की ओर बड़ा कदम उठाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा था कि वह एमपी और एमएलए पर चल रहे आपराधिक केसों की जल्द सुनवाई के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट की तर्ज पर स्पेशल कोर्ट बनाए और बताए कि इसमें कितना फंड लगेगा।
सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से यह भी पूछा था कि वर्ष 2014 में जिन 1581 एमएलए और एमपी पर आपराधिक केस दर्ज थे, उनमें से कितनों को सजा हुई और कितने बरी हुए। एडीआर (एसोसिएशन फार डेमोक्रेटिक रिफॉर्म) के मुताबिक 1581 सांसदों और विधायकों के खिलाफ साढ़े 13 हजार केस लंबित हैं।