Monday, January 22, 2018

प्रिंसिपल की हत्या पर कोई पछतावा नहीं अभियुक्त छात्र को, सोच समझ कर उठाया था कदम

साभार: जागरण समाचार
विवेकानंद स्कूल में शनिवार को प्रिंसिपल रितु छाबड़ा को गोलियां मारने वाले छात्र शिवांश को अपने कृत्य पर कोई पछतावा नहीं है। वह तब तक गोलियां बरसाता रहा, जब तक उसे प्रिंसिपल की सांसें बंद होने का यकीन
नहीं हो गया। यह जानकारी उसने पुलिस पूछताछ में दी है। उधर, पुलिस ने रविवार को शिवांश और उसके पिता रणजीत गुंबर को अदालत में पेश किया। न्यायाधीश प्रतिभा मैहला की अदालत ने शिवांश को दो दिन के पुलिस रिमांड पर और रणजीत को जेल भेज दिया।  
कई दिन से रच रहा था साजिश: पुलिस के अनुसार स्कूल में जब भी प्रिंसिपल रितु मिलती थी तो शिवांश को बेइज्जत करती थी। छोटी-छोटी बात पर उसे टोकती थी। उसकी प्रोजेक्ट फाइल पर भी साइन करने से इनकार कर दिया था। पुलिस के अनुसार पूछताछ में शिवांश ने बताया कि उसने कई दिन पहले से ही हत्याकांड की साजिश रचनी शुरू कर दी थी। शिवांश से जो बात पूछी जाती है, उसी का जवाब देता है।
रिमांड पर लेने को पुलिस की कहानी: बता दें कि एसपी राजेश कालिया घटना के बाद शनिवार शाम प्रेस कांफ्रेंस कर दावा कर रहे थे कि रणजीत गुंबर ने लाइसेंसी रिवाल्वर घर की अलमारी में रखी हुई थी। शिवांश ने अलमारी तोड़कर रिवाल्वर निकाली। वहीं रविवार को पुलिस ने कोर्ट में कहा कि रणजीत गुंबर ने रिवाल्वर अलमारी में सामने ही रखी थी। जिस पर शिवांश ने उसे आसानी से उठा लिया और वारदात को अंजाम दिया। इसलिए रणजीत के खिलाफ आर्म्स एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया है। पुलिस का तर्क है कि शिवांश जब रिवाल्वर लेकर घर से निकला था तो उसने दो कारतूस हमीदा हेड पर फेंक दिए थे। इसके अलावा जगह की शिनाख्त भी करनी है। इसलिए पुलिस ने अदालत से शिवांश का तीन दिन का रिमांड मांगा था।
सच्चाई जानने के लिए शिवांश को दो दिन की रिमांड पर लिया है। रिमांड के दौरान उससे क्या बरामद करना है यह जांच का हिस्सा है। इसके बारे में कुछ नहीं बता सकते। - ओम प्रकाश, एसएचओ, थाना शहर, यमुनानगर।
यमुनानगर के स्वामी विवेकानंद पब्लिक स्कूल की प्रिंसिपल रितु छाबड़ा का रविवार सुबह अंतिम संस्कार कर दिया गया। मुखाग्नि से पहले चिता पर शव को देख पति राजेश छाबड़ा के मुख से बार-बार यही निकल रहा था कि रितु कहां हो तुम, आ जाओ। क्या बिगाड़ा हमने किसी का जो हमे इतना बड़ा जख्म मिला। यह देख-सुन हर किसी की आंखें नम हो गईं। पिता के अलावा दोनों बेटों आशू और रितेश की भी अश्रुधारा नहीं रुक रही थी। अंतिम यात्र में जन समूह उमड़ पड़ा। श्मशान घाट में पांव रखने तक की जगह नहीं थी। रविवार सुबह से ही छोटा माडल टाउन में छाबड़ा निवास के बाहर लोग पहुंचने शुरू हो गए। विधायक यमुनानगर घनश्याम दास अरोड़ा, नगर निगम वार्ड पार्षद संगीता सिंघल, भाजपा जिला महामंत्री राजेश सपरा, मोर्चा के प्रदेशाध्यक्ष मदन चौहान, हुडा सेक्टर 17 स्वामी विवेकानंद स्कूल ¨प्रसिपल अनिता कंबोज, नगर निगम सीनियर डिप्टी मेयर पवन बिट्टू समेत कई लोगों ने परिवार को सांत्वना दी। 
स्कूल प्रबंधन से कोई नहीं पहुंचा: स्कूल से स्टाफ उनके घर पहुंचा। उनके परिवार को सांत्वना देते हुए भगवान से प्रार्थना की कि उनकी मैडम की आत्मा का शांति मिले। स्कूल से सफाई कर्मी भी अंतिम यात्र में पहुंची। शव को देखकर रो पड़ी। वह याद करते हुए बोली कि ऐसी मैडम स्कूल को दोबारा नहीं मिलेगी। परिजनों की मानें तो स्कूल प्रबंधन कमेटी से कोई भी व्यक्ति अंतिम यात्र में शरीक नहीं हुआ।
इस घटना से दो परिवार बिखर गए - विधायक: विधायक यमुनानगर घनश्याम दास अरोड़ा कहते हैं कि यमुनानगर के इतिहास में शनिवार को दिन ब्लैक डे रहा है। इससे बड़ी घटना जिले के लिए नहीं हो सकती। इस घटना से दो परिवार बिखर गए हैं। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के जिला सचिव धर्मपाल सिंह ने कहा कि इस हत्याकांड की निष्पक्षता से जांच कर के आरोपी को सख्त सजा मिलनी चाहिए।