साभार: जागरण समाचार
बुजुर्गो और अन्य वजहों से अंगुली की छाप खो चुके लोगों को अब आधार के जरिये सत्यापन में दिक्कत नहीं ङोलनी होगी। बैंक अकाउंट खोलने से लेकर सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए ऐसे लोग अब चेहरे की
पहचान के जरिये आधार का सत्यापन करवा पाएंगे। हालांकि यह सुविधा सत्यापन के मौजूदा विकल्पों के साथ किसी एक को चुनने पर ही मिलेगी। यह सुविधा पहली जुलाई से उपलब्ध होगी।
आधार जारी करने वाली संस्था यूआइडीएआइ ने सोमवार को इसका एलान करते हुए कहा जिन लोगों की अंगुली की छाप किसी बीमारी या अन्य वजहों से मिट गई है, और वे बायोमीटिक सत्यापन नहीं करवा पा रहे हैं, वे अब इस विकल्प का इस्तेमाल कर पाएंगे। कई बुजुर्गो को भी इस तरह की दिक्कत आ रही थी। हालांकि चेहरे के जरिये पहचान सत्यापित कराने के लिए फिंगर प्रिंट, आइरिस या ओटीपी में से किसी एक विकल्प को भी चुनना होगा। फिलहाल केवल फिंगर प्रिंट और आइरिस के जरिये ही सत्यापन की सुविधा है। यूआइडीएआइ का यह एलान सुप्रीम कोर्ट में आधार पर सुनवायी के ठीक पहले आया है। इस मामले में सुनवाई बुधवार से शुरू हो रही है।
चेहरे के जरिये व्यक्ति की पहचान सत्यापित करने के लिए यूआइडीएआइ सभी एजेंसियों को सॉफ्टवेयर डवलपमेंट किट उपलब्ध कराएगी। इसके जरिये व्यक्ति के चेहरे की फोटो ली जाएगी और उसे आधार के डेटा से सत्यापित किया जाएगा। बैंक अकाउंट खोलने से लेकर सरकारी स्कीमों का लाभ लेने तक कई जगह आधार के सत्यापन की आवश्यकता होती है। चूंकि बुजुर्गो समेत कई लोगों की फिंगर प्रिंट की छाप हल्की पड़ जाती है। ऐसे में उनका सत्यापन नहीं हो पा रहा था। आधार से सत्यापन में चेहरे के इस्तेमाल के लिए यूआइडीएआइ तकनीकी ब्योरा पहली मार्च से मुहैया कराना शुरू करेगा। इसके बाद पहली जुलाई से इस विकल्प का इस्तेमाल होना शुरू हो जाएगा।
आधार के जरिये इनकम टैक्स रिटर्न, बैंक खाते, मोबाइल कनेक्शन, पीडीएस, कर्मचारियों की हाजिरी जैसे मामलों में पहचान साबित की जाती है। अब तक करोड़ से ज्यादा सत्यापन का काम किया जा चुका है। अब तक अंकों वाला आधार नंबर 119 करोड़ लोगों को जारी किया जा चुका है।