साभार: जागरण समाचार
जब आप अपने सबसे कठिन दौरे पर पहला टेस्ट मैच हार चुके हों, आपके टीम चयन के तरीके पर सवाल उठ रहे हों, आपके सामने विदेशी मैदान पर मेजबानों के लंबे व तगड़े गेंदबाज पूरी ताकत से गेंद फेंक रहे हों और दूसरी
छोर से लगातार विकेट गिर रहे हों..ऐसे में जब आप एक छोर पर टिककर अपने करियर की चुनिंदा पारी खेलते हो तब आपकी वाहवाही होती है। भारतीय कप्तान विराट कोहली ने सोमवार को कुछ ऐसी ही पारी खेली।
उनके 153 रनों की बदौलत भारत ने अपनी पहली पारी में 307 रन बनाए। दक्षिण अफ्रीका की पहली पारी 335 रनों पर ऑलआउट हुई थी। खराब रोशनी के कारण तीसरे दिन का खेल रुकने तक मेजबानों ने दूसरी पारी में दो विकेट के नुकसान पर 90 रन बनाकर भारत पर कुल 118 रनों की बढ़त बना ली है। पहली पारी में हाशिम अमला का छोड़ने वाले विकेटकीपर पार्थिव पटेल दूसरी पारी में डीन एल्गर (नाबाद 36) का कैच लपकने का प्रयास करते तो मेजबान टीम और दबाव में आ सकती थी। जब एल्गर 29 रन पर थे तब जसप्रीत बुमराह की गेंद उनके बल्ले से लगकर गई, लेकिन चोटिल साहा की जगह खेल रहे पार्थिव और पहली स्लिप पर खड़े पुजारा हिले तक नहीं। ये कैच पार्थिव का था, लेकिन गेंद निकल जाने के बाद वह पुजारा की तरफ देख रहे थे, जबकि दूसरी स्लिप पर खड़े भारतीय कप्तान लगभग गाली देने की स्थिति में थे। एल्गर के साथ एबी डिविलियर्स 50 रन बनाकर खेल रहे हैं। भारत के पास चौथे दिन दक्षिण अफ्रीका की दूसरी पारी जल्दी समेटकर तीन मैचों की सीरीज 1-1 से बराबर करने का मौका है।
दमदार वापसी: दूसरे दिन का खेल खत्म होने पर भारत का स्कोर 183/5 था, जबकि कोहली 85 पर नाबाद थे। तीसरे दिन के तीसरे ओवर में ही भारतीय कप्तान ने लुंगी नगीदी पर बेहतरीन कवर ड्राइव सहित दो चौके लगाकर अपने तेवर दिखा दिए। दिन के छठे ओवर में ही उन्होंने लुंगी पर दो रन लेकर शतक पूरा किया। सब लोग इस बात का ही इंतजार कर रहे थे कि विराट शतक पूरा करने के बाद उसका जश्न कैसे मनाते हैं क्योंकि पिछले 10 दिनों में उनकी काफी आलोचना हुई है और हुआ भी वैसा ही। विराट ने आक्रामक अंदाज में हेलमेट उतारकर बल्ले को दर्शकों की तरफ तरेरते हुए शेर की तरह रिएक्शन दिया। वह ड्रेसिंग रूम की तरफ आक्रामक तौर पर इशारा कर रहे थे, जैसे वह बताना चाह रहे हों जितने भी सवाल उठेंगे मैं इस तरह की पारी खेलकर उसका जवाब दूंगा। उन्हें शतक पूरा करने के लिए सिर्फ एक रन ही चाहिए था और उन्होंने उसे पूरा करके जश्न मनाना शुरू भी कर दिया था, लेकिन दक्षिण अफ्रीकी क्षेत्ररक्षकों ने ओवरथ्रो कर दिया। विराट जश्न को बीच में छोड़कर दूसरे रन के लिए दौड़े और उसके बाद फिर से जश्न मनाया। यह विराट का आक्रामक स्टाइल है और वह ऐसा ही करते हैं। उन्होंने 217 गेंदों की पारी में 15 चौके लगाए।
पांड्या का गंदा रनआउट: एक तरफ कोहली पुराने अंदाज में खेल रहे थे तो दूसरी ओर ऑलराउंडर हार्दिक पांड्या (15) गंदे तरीके से रनआउट हुए। कैगिसो रबादा की गेंद को पांड्या ने मिडऑन की तरफ ढकेला और रन के लिए भागे। कोहली ने मना किया तो पांड्या वापस हुए, लेकिन फिलेंडर ने सीधा थ्रो विकेट पर जड़ दिया। क्रिकेट खेलते समय सबसे पहली चीज यही सिखाई जाती है कि रन लेते समय आपका बल्ला क्रीज के पास जमीन पर खिसकता हुए जाना चाहिए, लेकिन बेहतरीन एथलीट माने जाने वाले पांड्या इस बार क्रीज के अंदर तो थे, लेकिन उनका पैर और बल्ला हवा में था। शायद उन्हें अंदाजा ही नहीं था कि फिलेंडर सीधा विकेट पर गेंद मार देंगे। हालांकि, इसके बाद स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने कोहली का शानदार साथ दिया। 70वें ओवर में अश्विन ने रबादा पर तीन क्लासिक चौके जड़े। निश्चित तौर पर रोहित शर्मा और टीम के बाकी बल्लेबाजों को उनसे सीखना चाहिए कि यहां पर कैसे खेलते हैं। 135 से 140 किमी की रफ्तार से आती गेंदों पर आठवें नंबर का बल्लेबाज पैर निकालकर कवर ड्राइव और पंच लगा रहा था तो पवेलियन में बैठे पुजारा और रोहित उसे देख रहे थे।
बुमराह ने बनाया मौका: दक्षिण अफ्रीका के 335 के जवाब में 307 रन बनाने वाली भारतीय टीम के लिए जसप्रीत बुमराह ने शानदार मौका बनाया। उन्होंने 28 रन की बढ़त के साथ उतरी मेजबान टीम के दो विकेट चायकाल तक उखाड़ दिए। बुमराह ने दक्षिण अफ्रीकियों की तरह चुनिंदा स्पॉट पर गेंद को पटकते हुए दायें हाथ के बल्लेबाजों के खिलाफ एक विशेष कोण से गेंद फेंकी। उन्होंने छह ओवर के अंदर ओपनर मार्करैम (01) और हाशिम अमला (01) को आउट कर दिया। उन्होंने दोनों को एक ही तरह की गेंद फेंकीं। दोनों बार उन्होंने गुड लेंथ पर शॉर्ट गेंद फेंकी। दोनों बल्लेबाजों ने सोचा गेंद ऊपर आएगी, लेकिन गेंद स्किड करते हुए घुटने की ऊंचाई तक आई। दोनों बल्लेबाज इसे समझ नहीं पाए और मेजबानों ने तीन रन के कुल योग पर ही दो विकेट गंवा दिए। हालांकि, इसके बाद एल्गर और डिविलियर्स ने 87 रनों की साङोदारी करके मेजबानों को बड़ी राहत दी।