साभार: जागरण समाचार
संसद का बजट सत्र सोमवार से शुरू हो रहा है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण के साथ इसकी शुरुआत होगी। दो दिन बाद लोकसभा में बजट पेश होगा। तब तक तो सब कुछ ठीक-ठाक रहेगा। लेकिन, उसके दूसरे ही
दिन से सदन फिर हंगामे की भेंट चढ़ सकता है।
रविवार को पहले सरकार और फिर लोकसभा अध्यक्ष की सर्वदलीय बैठक में यह बात स्पष्ट रूप से सामने आई। विपक्ष सबसे पहले सुप्रीम कोर्ट के संवैधानिक संकट, करणी सेना के उत्पात और कासगंज की सांप्रदायिक घटना जैसे मुद्दों पर चर्चा के लिए सरकार को राजी करना चाहता है। वह भी अपनी शर्तो पर। दूसरी तरफ, सरकार एक साथ तीन तलाक और ओबीसी आयोग जैसे मुद्दों पर आगे बढ़ना चाहती है। ऐसे में फिर से अवरोध उत्पन्न हो तो आश्चर्य नहीं।
रविवार को पहले सरकार की और फिर लोकसभा अध्यक्ष सुमित्र महाजन की सर्वदलीय बैठक हुई। बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी आए और उन्होंने सभी दलों से अपील की कि बजट सत्र के महत्व को देखते हुए सहयोग के साथ सदन चलाएं। उन्होंने कहा कि सरकार विपक्ष के सुझावों को गंभीरता से लेती है। विपक्ष को यह भरोसा भी दिलाया कि सरकार किसान, रोजगार व आर्थिक स्थिति जैसे मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार है।
बैठक में गृह मंत्री राजनाथ सिंह, वित्त मंत्री अरुण जेटली, कांग्रेस नेता मल्लिकाजरुन खडगे, गुलाम नबी आजाद, सपा नेता मुलायम सिंह, भाकपा के डी राजा, द्रमुक की कनीमोरी, तृणमूल के सुदीप वंद्योपाध्याय, राकांपा के तारिक अनवर समेत शिवसेना और कुछ विपक्षी दलों के नेता मौजूद थे। लोकसभा अध्यक्ष की बैठक में भी इनकी मौजूदगी थी। पर सत्तापक्ष और विपक्ष की प्राथमिकताएं अलग-अलग थीं।
दरअसल, सरकार चाहेगी कि राज्यसभा में तीन तलाक और ओबीसी आयोग को संवैधानिक दर्जा देने संबंधी बिल पर पहले फैसला हो। संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने बजट सत्र के एजेंडे की जानकारी देते हुए बताया कि तीन तलाक बिल को राज्यसभा से पास कराना उनकी प्राथमिकता में है। विपक्ष को इस मामले में जीएसटी जैसी सर्वसम्मति दिखानी चाहिए।नई दिल्ली में रविवार को संसद भवन में बजट सत्र के पूर्व सर्वदलीय बैठक में लोकसभा अध्यक्ष सुमित्र महाजन व अन्य।
विपक्ष आज बनाएगा रणनीति: विपक्ष सोमवार सुबह संसद परिसर में ही बैठक कर सरकार को घेरने की रणनीति तय करेगा। हरियाणा में हो रही दुष्कर्म की घटनाओं पर भी केंद्र से सवाल पूछा जाएगा। गणतंत्र दिवस के अवसर पर राहुल गांधी को छठी लाइन में सीट देने पर भी सवाल उठाया जा सकता है। सूत्रों की मानें, तो बजट पेश होने तक कोई अवरोध नहीं होगा। लेकिन उसके बाद संसद का माहौल गर्म रहेगा।