साभार: भास्कर समाचार
चुनाव आयोग ने दिल्ली में केजरीवाल सरकार को बड़ा झटका दिया है। संसदीय सचिव रहे आम आदमी पार्टी के 20 विधायकों को लाभ के पद पर रहने का दोषी मानते हुए राष्ट्रपति को इन्हें अयोग्य घोषित करने की
सिफारिश भेजी है। यह सभी 13 मार्च 2015 से 8 सितंबर 2016 तक संसदीय सचिव रहे। नियमानुसार राष्ट्रपति सिफारिश मानने को बाध्य हैं। राष्ट्रपति जिस दिन इन्हें अयोग्य करार देंगे, उसके छह महीने के अंदर इन सीटों पर उपचुनाव होगा। हालांकि, उसके बावजूद केजरीवाल सरकार को कोई खतरा नहीं होगा। उधर, आयोग के फैसले के खिलाफ आप दिल्ली हाईकोर्ट गई, लेकिन तुरंत कोई राहत नहीं मिली। सोमवार को फिर सुनवाई होगी। आप विधायक सौरभ भारद्वाज ने कहा कि मुख्य चुनाव आयुक्त एके जोति 23 जनवरी को रिटायरमेंट से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कर्ज चुका रहे हैं। वहीं, आप के हरियाणा अध्यक्ष नवीन जयहिंद ने मांग की है कि आयोग हरियाणा के चार संसदीय सचिवों की भी सदस्यता रद्द करे। इस मामले में जोति ने कोई टिप्पणी नहीं की है।