साभार: भास्कर समाचार
लाभ का पद मामले में फंसे आम आदमी पार्टी के 20 विधायकों की विधानसभा सदस्यता खत्म हो गई है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने इनके खिलाफ चुनाव आयोग की सिफारिश शनिवार को मंजूर कर ली। केंद्र सरकार
ने रविवार को इसका नोटिफिकेशन जारी कर दिया। यह सभी 13 मार्च 2015 से 8 सितंबर 2016 तक संसदीय सचिव रहे थे। इनमें परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत और विधायक अलका लांबा भी शामिल हैं। एक साथ इतने ज्यादा विधायकों (28%) की सदस्यता खत्म होने का देश में यह पहला मामला है। हालांकि, आप के पास अब भी 46 विधायक हैं और केजरीवाल सरकार को कोई खतरा नहीं है। आप ने इस फैसले को असंवैधानिक बताया है। सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा, 'ऊपरवाले को पता था कि यह लोग तीन साल बाद हमारे 20 विधायकों को अयोग्य ठहरा देंगे। इसीलिए उसने हमें 70 में से 67 सीटें दीं।' वहीं, मंत्री गोपाल राय बोले कि राष्ट्रपति ने पक्ष रखने का मौका नहीं दिया। इस मामले में दिल्ली हाईकोर्ट में सोमवार को सुनवाई होनी है। पार्टी ने सुप्रीम कोर्ट भी जाने के संकेत दिए हैं। इसी बीच, सीलिंग और एफडीआई के विरोध के नाम पर आप ने 23 जनवरी को दिल्ली बंद का ऐलान किया है। खाली होने वाली 20 सीटों पर 6 महीने में उपचुनाव करवाने होंगे।
दिल्ली हाईकोर्ट में आज सुनवाई, पार्टी ने कहा- सुप्रीम कोर्ट भी जाएंगे: विधायकों को अयोग्य घोषित करने के मामले में सोमवार को दिल्ली हाईकोर्ट में पहले से सुनवाई तय है। यहां से राहत नहीं मिली तो आप सुप्रीम कोर्ट जाएगी।
राष्ट्रपति और मुख्य चुनाव आयुक्त का फैसला असभ्य - सोमनाथ भारती: उम्मीद है कि हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट हस्तक्षेप कर राष्ट्रपति और मुख्य चुनाव आयुक्त के ऐसे असभ्य और अलोकतांत्रिक निर्णय के खिलाफ फैसला सुनाएंगे। -सोमनाथ भारती, आप
भाजपा व चुनाव आयोग ने आप को फायदा पहुंचाया: भाजपा और चुनाव आयोग ने फैसले में देरी कर आप की मदद की। 22 दिसंबर से पहले होता तो यह 20 विधायक राज्यसभा चुनाव में वोटिंग नहीं कर पाते। - अजय माकन, अध्यक्ष, दिल्ली कांग्रेस
सरकार के पास विस भंग कर सभी 67 सीटों पर चुनाव कराने का विकल्प। इसकी संभावना कम है।
बहुमत में अब भी सरकार: 20 विधायक अयोग्य हो गए, इसलिए बहुमत के लिए 36 के बजाए 26 सीटें ही चाहिए। आप के पास बहुमत से 20 सीटें ज्यादा हैं।
बहुमत में अब भी सरकार: 20 विधायक अयोग्य हो गए, इसलिए बहुमत के लिए 36 के बजाए 26 सीटें ही चाहिए। आप के पास बहुमत से 20 सीटें ज्यादा हैं।
आयोग पर कोई दबाव नहीं, अपना काम किया: चुनाव आयोग ने अपना काम किया है। आप के राज्यसभा उम्मीदवारों ने चुनाव जीता। यह बताता है कि आयोग पर कोई दबाव नहीं था। -मीनाक्षी लेखी, भाजपा